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आयुर्वेद

26 दिसम्बर 2015

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मोटापे का इलाज (Obesity)

(१) खाना खूब चबा-चबाकर खायें | 
(२) चूना खाना है (एक गेहूं के दाने के बराबर दिन में एक बार ) दस मिनट धूप में टहलें | 
(३) त्रिफला चूर्ण एक चम्मच एक गिलास गर्म पानी में उबालकर दो चम्मच गुड़ या शहद मिलाकर काढ़ा बनाकर पियें | 
(४) त्रिफला और गिलोय चूर्ण तीन-तीन ग्राम में मिलाकर चाटना है | 
(५) पानी हमेशा बैठकर घूँट-घूँट पियें | 
(६) भोजन तीन बार से अधिक न करें, भोजन भूख से थोड़ा कम करें | 
(७) दिन में कभी न सोयें |

रोग मुक्ति के लिये आवश्यक नियम :

पानी के सामान्य नियम : 
१) सुबह बिना मंजन/कुल्ला किये दो गिलास गुनगुना पानी पिएं । 
२) पानी हमेशा बैठकर घूँट-घूँट कर के पियें । 
३) भोजन करते समय एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य पियें । 
४) पानी हमेशा गुनगुना या सादा ही पियें (ठंडा पानी का प्रयोग कभी भी ना करें।

भोजन के सामान्य नियम : 
१) सूर्योदय के दो घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें । 
२) यदि दोपहर को भूख लगे तो १२ से २ बीच में अल्पाहार कर लें, उदाहरण - मूंग की खिचड़ी, सलाद, फल और छांछ । 
३) सुबह दही व फल दोपहर को छांछ और सूर्यास्त के पश्चात दूध हितकर है । 
४) भोजन अच्छी तरह चबाकर खाएं और दिन में ३ बार से अधिक ना खाएं ।

अन्य आवश्यक नियम : 
१) मिट्टी के बर्तन/हांडी मे बनाया भोजन स्वस्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है । 
२) किसी भी प्रकार का रिफाइंड तेल और सोयाबीन, कपास, सूर्यमुखी, पाम, राईस ब्रॉन और वनस्पति घी का प्रयोग विषतुल्य है । उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसो व नारियल के घानी वाले तेल का ही प्रयोग करें । 
३) चीनी/शक्कर का प्रयोग ना करें, उसके स्थान पर गुड़ या धागे वाली मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें । 
४) आयोडीन युक्त नमक से नपुंसकता होती है इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक प्रयोग करें । 
५) मैदे का प्रयोग शरीर के लिये हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग ना करें ।

स्रोत :राजीव दीक्षित

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