किसी शायर ने सच ही कहा है मंजिल उन्ही को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है! पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है । सब जानते है भारत को जुगाड़ियों का देश कहा जाता है। ऐसा ही एक जुगाड़ कामयाब हुआ है। यूपी के कौशांबी जिले में… जहां विवेक नाम के युवक ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है की लोग उसे गुदड़ी का लाल भी कहने लगे है। खास बात ये है कि विवेक के गांव का नाम भी गुदड़ी है। विवेक का ये कारनामा अगर सफल हो गया तो ऑटोमोबाइल्स के क्षेत्र में किसी चमत्कार से कम नहीं माना जायेगा।
वैसे भी जुगाड़ टेक्नोलॉजी में भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं हैं। जुगाड़ नाम का टैलेंट हमारे यहाँ गलियों में फिरता है। सही मौका मिल जाये तो अपनी असली ताकत का एहसास करा देते हैं। कौशांबी डिस्ट्रिक के गुदड़ी गांव के विवेक कुमार पटेल को 2001 में 12वीं की पढ़ाई के दौरान फिजिक्स में एक फार्मूला मिला था। विवेक ने बताया, इस फॉर्मूले को मैंने बाइक, जनरेटर समेत अन्य वाहनों का एवरेज बढ़ाने में प्रयोग करने लगाया। आखिर में उन्हें सफलता मिली। इसके लिए विवेक ने पिपरी, पहाड़पुर गांव के एक मिस्त्री की दुकान पर काम सीखना शुरू किया। जहां करीब दो साल तक इस फार्मूले पर काम किया। इस कड़ी मेहनत का फल तब मिला जब तकनीक को उत्तर प्रदेश काउंसिंल फॉर साइंस ऐंड टेक्नॉलजी (यूपीसीएसटी) और मोती लाल नेहरू नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी इलाहाबाद (एमएनएन आईटी) ने प्रमाणित किया है।
पांच सौ रुपए में बढ़ाएं दोगुना माइलेज
विवेक कुमार के मुताबिक इनकी तकनीक से उस बाइक का एवरेज 150 किलामीटर प्रति लीटर हो जायेगा जो 50-60 का एवरेज देती है। विवेक ने बताया कि, बाइक रिपेयरिंग सीखने के दौरान ही इंजन में बदलाव के टेस्ट भी शुरू किए। 2012 में बजाज की डिस्कवर बाइक खरीदी। फिर इंजन में कुछ बदलाव किए। इस बदलाव की बदौलत उसका ऐवरेज डबल हो गया। विवेक की इस दौरान 17 साल की मेहनत सफल हुई। विवेक के मुताबिक एवरेज बढ़ाने के लिए बाइक में लगा कार्बोरेटर त्बदलकर वो अपना कार्बोरेटर लगा देते हैं। जिसको बनाने में मात्र 500 रूपए का खर्च आता है।
विवेक की इस कामयाबी में कुछ लोगों ने आगे आकर मदद की। इसके साथ ही कुछ लोगों ने स्टार्टअप शुरु करने की सलाह दी। विवेक ने बताया की उसके कार्बोरेटर बनाने की कंपनी के लिए करीब 75 लाख रुपए की जरूरत है। जिसके लिए जम्मू कश्मीर के कटरा स्थित श्री माता वैष्णव देवी यूनिवर्सिटी के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर ने विवेक को स्टार्टअप प्रॉजेक्ट के लिए 75 लाख रुपए की मदद भी स्वीकृत की गई है।
दो सौ बाइकों में बढ़ा चुके हैं एवरेज
विवेक का दावा है कि आज वह बिना किसी खर्च के किसी भी बाइक का एवरेज 30 से 35 किलोमीटर बढ़ा देते है। अब तक करीब 200 से ज्यादा बाइको का एवरेज बढ़ा चुके विवेक का दावा है कि कंपनियां जो एवरेज देती है उसमें कार्बोरेटर में प्रति मिनट 10 से 12 ग्राम पेट्रोल, डीजल गिरता है। जिसे वह सेट करके 6 से 8 ग्राम कर देते है। जिससे एवरेज बढ़ जाता है। इससे इंजन पर भी कोई लोड नहीं पड़ता।
विवेक के जुगाड़ का इनोवशन को मान्यता मिल गई है। यूपीसीएसटी के जॉइंट डायरेक्टर इनोवेशन राधेलाल के मुताबिक विवेक ने पेट्रोल की सप्लाई को नियंत्रित कर एवरेज बढ़ाने की कवायद की है। इस दौरान बाइक के माइलेज में डेढ़ गुना से दोगुना तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पेट्रोल की मात्रा नियंत्रित करने से इंजन गर्म नहीं होता। वहीं, पेट्रोल की खपत कम हो जाती है। स्पीड और पिकअप में भी कोई परिवर्तन नहीं आया। तकनीकी रूप से प्रमाणित करने के लिए मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से इसकी टेस्टिंग कराई।