कल तक सवर्ण समाज के लिए 10 फीसदी आरक्षण की बात करने वाले बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सवर्ण समाज के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। चेतावनी भरे लहजे में मांझी ने कहा कि अगर 15 प्रतिशत वाला देश जला सकता है तो 85 प्रतिशत वाला हाथ में दही लेकर नहीं बैठा है। इसके साथ ही मांझी ने देवकी नंदन ठाकुर पर जम कर हमला बोला। मांझी ने देवकी नंदन ठाकुर को ढ़ोगी बाबा बताते हुए कहा कि इस तरह के लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
मांझी ने कहा कि एससी-एसटी 1989 एक्ट का मामला है और उसी को बहाल किया गया है। उसमें सुप्रीम कोर्ट ने थोड़ा संशोधन किया था लेकिन उसको संसद ने निरस्त करके 1989 के एक्ट को ही बहाल किया गया है। इसमें जान बूझकर अत्याचार करने वाले लोग हंगामा कर रहे हैं। अब एससी में जागरुकता आया तो वे जानते हैं कि जो अपराधी होंगे वे बचेंगे नहीं।
बक्सर पहुंचे मांझी ने कहा कि सृजन घोटाले की जांच में पारदर्शिता लाने के लिए बिहार में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। इसके अलावा बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए। उधर पटना में रिटायर्ड कमिश्नर और उनकी पत्नी की हत्या मामले पर बिहार सरकार पर मांझी ने हमला किया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपराध को लेकर संवेदनहीन है। अभी तो एक कमिश्नर की हत्या हुई है। अगर यही हालत रही तो एक नहीं दर्जनों कमिश्नर मारे जाएंगे।
गौरलतब है कि सवर्णों के भारत बंद पर हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा था कि गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीब सवर्णों के लिए भी नीति बनाए। सवर्ण दलित आरक्षण के विरोध में आंदोलन ना करें।