सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) की सेमीकंडक्टर बनाने वाली फैक्ट्रियों के कई मजदूरों को कैंसर सहित कई बीमारियां होने के मामले सामने आए हैं। कंपनी को इन मामलों में माफी तक मांगनी पड़ी है। इसके अलावा लंबे समय तक चले कोर्ट केस के क्रम में एक समझौते के बाद कंपनी इससे प्रभावित 320 लोगों को प्रति व्यक्ति 1.33 लाख डॉलर (95 लाख रुपए) देने के लिए भी राजी हुई है। बड़ी बात यह है कि इनमें 118 लोगों की मौत तक हो गई।
सैमसंग ने मानी अपनी चूक
Samsung के को-प्रेसिडेंट किम की-नैम ने कहा, ‘हम अपने उन वर्कर्स से खेद प्रकट करते हैं, जो खुद और उनके परिवार बीमारियों से पीड़ित हुए। हम अपनी सेमीकंडक्टर और एलसीडी फैक्ट्रियों में हैल्थ रिस्क के प्रबंधन में नाकाम रहे।
118 लोगों की हुई मौत
इस मामले में कंपनी के खिलाफ कैंपेन चलाने वाले ग्रुप्स ने कहा कि सैमसंग में नौकरी पाने के बाद काम संबंधित बीमारियों से 320 लोग प्रभावित हुए , जिनमें से 118 लोगों की मौत तक हो गई। इसी महीने घोषित एक डील के तहत कंपनी हर मामले में 1.33 लाख डॉलर का मुआवजे का भुगतान करेगी।
डील के दायरे में कैंसर सहित कई बीमारियां
इस डील के दायरे में 16 तरह के कैंसर, कुछ दुर्लभ बीमारियां, गर्भपात और वर्कर्स के जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चे आते हैं। यह स्कैंडल वर्ष 2007 में सामने आया, जब सैमसंग की सुवॉन, साउथ सियोल स्थित सेमीकंडक्टर और डिसप्ले फैक्ट्रियों के पूर्व वर्कर्स व उनके परिवारों ने कहा कि कंपनी के स्टाफ में कैंसर या उससे मौतों के मामले सामने आए हैं।
10 साल की लड़ाई के बाद मिली जीत
ऐसे मामलों में अदालतों, सियोल स्टेट लेबर वेलफेयर एजेंसी ने 10 साल तक चले मामलों के बाद शुक्रवार को मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया। वर्कर्स के रिलेटिव्स के लीडर ह्वांग सांग-गी ने कहा, ‘पीड़ितों के परिवारों से सिर्फ खेद प्रकट करना ही पर्याप्त नहीं है, लेकिन हम इसे स्वीकार करेंगे।’ ह्वांग सांग-गी का 22 साल के बेटे की भी ल्युकेमिया से मौत हो गई थी।
Input : Dainik Bhaskar