6 साल की बच्ची के पेट में काफी समय से दर्द रहता था। जब उसकी सर्जरी की गई तो पेट से कुछ ऐसा निकला, देखकर डॉक्टरों की आंखें खुली की खुली रह गईं।
पेट में 1 मीटर लंबी चोटी
मामला पंजाब के लुधियाना का है। 6 साल की गुरजीत छह महीने से अपने ही बाल खा रही थी। जो उसके पेट में जाकर एक मीटर लंबी बालों की चोटी बन गए। पेट में गोला सा महसूस हुआ तो दर्द भी बढ़ गया। भूख न लगने पर उसका वजन भी केवल 14 किलो तक रह गया था। उसके परिजन उसे पक्खोवाल रोड स्थित अनमोल अस्पताल में लाए तो सर्जन डॉ. दलजीत सिंह ने टीम के साथ उसका आपरेशन कर पेट की छोटी आंत में फंसी करीब एक मीटर लंबी बालों की चोटी निकाली। अब बच्ची नार्मल है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।ऐसे पता चला
गांव दाद निवासी छह साल की बच्ची गुरजोत कौर के पेट में दर्द रहता था। उसे भूख भी नहीं लग रही थी। हाथ लगाने पर पेट के बीच एक गोला सा महसूस होता था। इस पर मां-बाप उसे अस्पताल में लाए। डॉ. दलजीत ने बताया कि उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि पेट में गोले के आकार का कुछ है। मगर स्थिति क्लियर नहीं हुई। फिर बच्ची की एंडोस्कोपी कराई गई। जिसमें पता चला कि पेट की छोटी आंत में मेहदे के पास बालों का गुच्छा है। लेकिन यह एक मीटर लंबा हो सकता है, इसका पता ऑपरेशन के बाद ही चला।
सर्जरी के बाद साइकेट्रिस्ट
बालों के इस गुच्छे ने एक साइड से मेहदे का आकार ले रखा था और दूसरी साइड में करीब एक मीटर लंबे सांप जैसी चोटी बनी हुई थी। 4 सितंबर को बच्ची का आपरेशन किया गया और 10 को बच्ची को छुट्टी दे दी गई है। डॉ. दलजीत सिंह के मुताबिक, आपरेशन के बाद ऐसे बच्चों का इलाज साइकेट्रिस्ट से कराना जरूरी है। क्योंकि अगर वह किसी मानसिक रोग से पीड़ित हैं तो सर्जरी के बाद फिर से बाल खाना शुरू कर सकते हैं। साइकेट्रिस्ट से इलाज कराने पर बच्चा इस आदत को छोड़ देगा।रेपुंजल सिंड्रोम बीमारी का नाम, विश्व में अब तक सिर्फ 40 केस
डॉ. दलजीत के मुताबिक जो बच्चे खुद को अकेला महसूस करते हैं या जिनकी घर में अनदेखी हो रही होती है तो वे इस तरह की मानसिकता का शिकार हो जाते हैं और अपने ही बालों को नोंचकर खाना शुरू कर देते हैं। जिस बच्चे के पेट से इतनी बड़ी बालों की चोटी निकले, उसे रेपुंजल सिंड्रोम कहा जाता है। पूरे विश्व में इस तरह के अब तक 40 केस ही हुए हैं। जिनमें से चार व्हीट एलर्जी के हैं। यह बच्ची भी व्हीट एलर्जी से पीड़ित है। सामान्य स्थिति में बाल खाने पर इसे ट्राइकोबेजुआर नामक बीमारी कहा जाता है।
मां-बाप रखें खास ध्यान
अगर कोई बच्चा अपने ही बाल या कोई असाधारण चीज खा रहा हो तो उसे अनदेखा न करें। बल्कि उसे तुरंत किसी साइकेट्रिस्ट के पास ले जाकर उसकी काउंसलिंग भी कराई जानी चाहिए। क्योंकि उसकी यह आदत कोई बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। अगर बच्चे के पेट में गोले जैसा कुछ महसूस हो तो तुरंत किसी सर्जन को दिखाना चाहिए।