कहते हैं कि कलयुग हैं हर कोई यहां सिर्फ खुद के बारे में और खुद के लिए हो सोचता है। लेकिन आज के समय में भी दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं और उनकी खुशियों का ध्यान रखते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद आप एक बार फिर से इंसानियत पर भरोसा करने लगेंगे।
ये कहानी है अफगानिस्तान का जलालाबाद गांव की। उसी गांव का रहने वाला शख्स सलमान पूरे 9 साल बाद शहर से अपने गांव वापस लौट रहा था। सलमान गांव से दूर शहर में पैसा कमाने गया था और वहीं पर 9 सालों से नौकरी कर रहा था। जैसे ही सलमान के गांव के पास वाली बस स्टैंड पर बस रुकी सलमान ने बस से उतर कर सबसे पहले चारों तरफ देखा लेकिन उसको उसके गांव तक ले जाने के लिए ना कोई टैक्सी दिखी ना कोई तांगा। जिसके बाद सलमान ने सामान अपने कंधे पर रखा और गांव की तरफ पैदल जाने लगा। इतने साल बाद गांव वापस आने की खुशी उसके मुंह से साफ समझ आ रही थी, ना तो उसे इतने लंबे सफर की थकान से मतलब था ना ही इतना सामान पीठ पर उठाए पैदल जाने से। उसके मन में खुशी की ठंडी ठंडी लहरें उठ रही थी। उसके दिलों-दिमाग में अपनों से मिलने की खुशी थी जो इतने सालों से पूरी नहीं हो पाई थी। इसके अलावा उस लड़की की तस्वीर जिससे वो प्यार करता था लेकिन कभी बता नहीं पाया।
उस लड़की का नाम था अफसाना, ना तो सलमान ने कभी उससे बात की, ना ही उस लड़की ने कभी कोई पहल की। पता नहीं उसकी शादी हो गई होगी या अभी भी कंवारी होंगी। उसका सुंदर सा गोल चेहरा सलमान की नजरों के सामने घूम रहा था। असल में सलमान को भी नहीं पता था कि वो प्यार था या कुछ और लेकिन वो उसको अच्छी बहुत लगती थी। इन्हीं सब बातों में खोया हुआ सलमान कब गांव पहुंच गया उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं हुआ।
जैसे ही सलमान गांव के अंदर आया उसने देखा कि पीपल के पेड़ के नीचे एक सफेद साड़ी में लिपटी लड़की बैठी थी सलमान ने उसका चेहरा ध्यान से देखा उस चेहरे में वह धुंधली तस्वीर नजर आ रही थी जो सलमान की आंखों में बसी थी। ये वहीं लड़की थी जिसे सलमान प्यार करता था।
उसको देखते ही सलमान के मुंह से निकला…अफसाना तुम. ………। सलमान पास पहुंचते बोला। अफसाना ने सलमान की तरफ देखा दोनों आंखों से आंसू बहने लगे। अफसाना तुम ऐसे हाल में और गांव से बाहर क्या है यह सब – सलमान अफसाना के पास बैठते बोला। सलमान…….। एक आवाज पीछे सुनाई दी सलमान ने पलट कर देखा उसकी मां दौड़ी चली आ रही थी सलमान की मां ने आकर सलमान को गले लगा लिया। बेटा तू इस डायन से बात कर रहा चल जल्दी तेरी नजर कटवानी होगी इस चुड़ैल की जरूर तुझे नजर लग गई होगी – सलमान की मां अफसाना को खा जाने वाली नजरों से घूरते बोली।
अपनी मां की ऐसी बाते सुनते हुए सलमान थोड़ा अचंभित हो गया और बोला मां आप क्या कह रही । हा बेटा ये डायन है अपने दो दो पतियों को खा गई चल जल्दी सलमान की माँ जबरदस्ती सलमान का हाथ पकड़ कर खींचते ले गई। सलमान ने अफसाना की तरफ देखा उसकी आंखों से सिर्फ आंसू बह रहे थे घर पहुंचते ही सलमान की माँ सलमान को मस्जिद ले गई और मौलवी से बोली- मौलवी जी इसकी नजर काट दो उस डायन ने छू लिया काश। वो नागिन मरती तक नहीं। अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर सलमान को जरा भी अच्छा नहीं लगा और वो चिढ़ते हुए बोला कि माँ ये क्या डायन डायन लगा रखा इंसान कभी डायन नहीं होता और अफसाना तो आपकी अपनी बेटी समान है वो कैसे डायन हो सकती है।
सलमान की मां ने कहा बेटा तू नहीं जानता अफसाना मनहूस है , डायन है वो अपने पति को खा गई , जो भी उसका मनहूस चेहरा देख लेता उसका पूरा का पूरा दिन मुसीबतों से गुजरता अल्लाह उसकी हाय तुझे ना बैठी हो। अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर सलमान को गुस्सा आ गया क्योंकि वो पढ़ा-लिखा समझदार था और इस तरह की अंधविश्वास वाली बातों को नहीं मानता था। वो इन बातों में विश्वास नहीं रखता था वह जानता था यह सब गांव वालों का अंधविश्वास है। दरअसल अफसाना का पति फौज में था। तालिबानी आतंकियों से लोहा लेते हुए वो शहीद हो गया। तब से अफसाना अकेली रह गई। शाम का समय हो चुका था सलमान का दिल भारी भारी था उसे ना गांव में अच्छा लग रहा था, ना परिवार में, उसकी आंखों में बार-बार अफसाना का आंसुओ से भरा चेहरा तैर रहा था सलमान गांव से बाहर उस पीपल के पेड़ के नीचे पहुंचा। अफसाना! सलमान अफसाना के पास बैठते बोला। सलमान तुम यहां क्यों आए हो अफसाना सलमान की तरफ देखते बोली ।
सलमान ने अफसाना की तरफ देखा और बोला कि तूने ये अपनी कैसी हालत बना रखी है। पागलों की तरह बैठी इन सबकी बातें सुन रही हैं। तू तो पढ़ी-लिखी समझदार हैं ना फिर क्यों इनकी बातें सुन रही है। सलमान की बात सुनकर अपने आंसू पोछते हुए अफसाना बोली, सलमान ये सब किस्मत का खेल है और फिर यह समाज किताबों कहानियों की बातें कहा मानता है। इनके एक अलग रीति रिवाज है हम कितने ही समझदार क्यों ना हो लेकिन समाज और परंपराओं से थोड़ी अकेले लड़के जीत सकेंगे।
सलमान ने उसके पिता के बारे में पूछा तो अफसाना ने उसके शहीद होने की पूरी दास्तां सलमान को बता दी और बोली की बताओ इसमें मेरा क्या कसूर है। अफसाना की आपबीति सुनकर सलमान की आंखें भर आई सलमान के मन में अफसाना के लिए बहुत प्यार उमड़ आया था -अफसाना तुम किसी और लड़के शादी क्यों नहीं कर लेती। अब कौन करेगा मुझसे शादी दूर तक कोई लड़का रिश्ते को तैयार नहीं होता और मैं भी अब शादी नहीं करना चाहती अब तो जितने भी जिंदगी के शेष बचे दिन ऐसे ही काट लुंगी अफसाना आंसू पोछते बोली। अब उसे विधवा की जिंदगी जीने पर मजबूर अभी उसकी सारी उम्र शेष है ऐसे रो-रोकर कब तक जायेगी जन्म मृत्यु तो भगवान के हाथ है इसमें बिचारी अफसाना का क्या दोष औरतों को देवी का रुप होती है फिर वह मासूम डायन मनहूस कैसे हो सकती ,यह हमारा समाज कैसी अंधविश्वास की परंपराओं में गिरा है सलमान इन्हीं विचारों में खोया रहता था और उसको गांव में आए पूरे सात दिन बीत चुके थे।
अब समय था सलमान के वापस शहर जाने का, गांव छोड़कर जाते वक्त वो अजीब उलझनों में फंसा हुआ थी। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। उसके माता-पिता उसको बस स्टैंड तक छोड़ने गए लेकिन दूसरे रास्ते से ताकी वो अफसाना का चेहरा ना देख सकें। सलमान को बस स्टैंड पर छोड़ने के बाद वापस चले गए। बस का इंतजाक कर रहा सलमान बस अफसाना के बारे में ही सोच रहा था। उसके दिमाग से एक पल के लिए भी अफसाना का ख्याल नहीं जा रहा था। उसकी आंखों के सामनें आंसुओं से भरी उसकी आंखे दिख रही थीं। उसके दर्द भरे शब्द बार-बार कानों में गूंज रहे थे। सलमान बिना कुछ सोचे समझे गांव की तरफ भागता हुआ वापस गया और उसके पांव सीधे उस पीपल के पेड़ का पास जाकर रूके।
सलमान ने देखा कि अफसाना अपना सर दोनों घुटनों पर झुकाकर बैठी हुई है। सलमान उसके पास जाकर बोला कि अफसाना मैं शहर जा रहा हूं। अब शायद कई सालों बाद वापस आउंगा या नहीं भी आउंगा। अफसाना अपने आंसू पोछते हुए सलमान की तरफ देख रही थी। सलमान कुछ समय के लिए चुप हो गया। अफसाना ने भी अच्छे सफर की शुभकामना दी…तभी अचानक से सलमान नें कहा कि मैं तुमसे कुछ पूछने आया हूं।अफसाना सलमान को सवालिया नजरों से देख रही थी । सलमान ने एक सांस में कह दिया कि अफसाना क्या तू मुझसे शादी करेगी। अफसाना सलमान को आश्चर्य देखें जा रही थी और उसकी आंखों में से आंसू टप-टप करके टपकते जा रहे थे।
सलमान ने कहा कि अगर तुम्हें लगता है तुम मेरे साथ खुश रहोगी तो मेरे साथ चलो, एक नई जिंदगी तुम्हारा इंतजार कर रही है। अफसाना बस सलमान को देखे जा रही थी और उसकी आंखों से आंसू गिरते जा रहे थे। थोड़ी देर बाद अफसाना सलमान के गले से लग गई और खूब रोई। उसके बाद दोनों शहर की तरफ चले गए।
घर वालों के खिलाफ जाकर थामा शहीद की विधवा का हाथ, गांव वाले मानते थे अशुभ