बातों के ज़माने होते हैं. ज़माने की बातें होती हैं. आज के ज़माने की एक बात है. बेहद मज़ेदार. जिस इंसान से हदी है उसके चाहने वाले गच्च हो जाते हैं. वो फूले नहीं समाते हैं. जैसे ही उनके मुख पर ये शब्द आते हैं – ‘प्रधानमन्त्री मोदी ने आज तक एक भी छुट्टी नहीं ली’ उनके गाल ऐसे लाल हो जाते हैं मानो हिमाचल की बाग़ से सेब आये हों. इस तरह की बात गजब तरीके से घूमी है. दुनिया इस बात को ज़ब्त कर चुकी है कि मोदी ने आज तक एक भी छुट्टी नहीं ली है. और ऐसा करने की वजह से मोदी बड़े ही यूनीक प्राइम मिनिस्टर बन गए हैं.
अब एक सवाल पूछें? अच्छा ये तो खुद अपने अप में सवाल हो गया इसलिए एक और सवाल पूछ लेते हैं –
मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में कितने दिन की छुट्टी ली है?
जवाब दें? तीसरा सवाल. एक भी दिन नहीं. जी हां! मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली है. और ऐसा हम अपने मन से नहीं बना के कह रहे हैं. ऐसा खुद मोदी सरकार ने बताया है.
मनोज कुमार यादव नाम के एक शख्स ने 25 नवंबर 2016 को सूचना के अधिकार के तहत सरकार से एक जानकारी मांगी थी. उन्होंने पूछा था कि मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान कितने दिन छुट्टी ली है. सरकार ने 10 फरवरी 2017 को जवाब देते हुए बताया कि 10 साल के कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली है. ऐसा नहीं होता है कि किसी प्रधानमंत्री को छुट्टी लेनी होती है. बल्कि संविधान में प्रधानमंत्री की छुट्टी का कॉन्सेप्ट ही नहीं है. यानी देश का प्रधानमंत्री किसी भी हाल में हर वक़्त ड्यूटी पर होता है. पीएम साहब/साहिबा देश से बाहर हों, पार्क में घूम रहे हों, टेरा-कोटा की मूर्तियां देख रहे हों, चाइना के पीएम के साथ झूला झूल रहे हों, शेर की फ़ोटो खींच रहे हों, वो हर वक़्त सब कुछ ऑन-ड्यूटी कर रहे होते हैं.
इसलिए हे तात! आज के पश्चात अपनी जिह्वा पर भी इस वाक्य को मत लाना जिसका संदेश कुछ यूं जाए कि फलाने पीएम ने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली है.
आरटीआई अप्लिकेशन के बदले में सरकारी जवाब हाज़िर है. देखिये.