बचपन का जमाना बहुत अलग था वो लोग कुछ और ही अलग दुनिया के थे. उन्हें याद करती हूँ तो जैसे उन सबको एक बार पा जाती हूँ.
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मेरा बचपन मेरे लिए एक ऐसा खजाना जिसे मै जितना उलीचती हूँ वो उतना ही ज्यादा मेरी झोली भरता जाता है ऐसा है मेरा प्यारा मासूम राजदुलारा बचपन. मै अपने बचपन को याद करती हूँ तो बहुत सारी बातें है जो मेरी
मेरे बचपन की यादें बहुत सुहानी और स्वर्णिम है इसलिए अब इधर -उधर की न करके मै सुहाने दिनों की सुहानी बातें करूंगी. बुआ के घर मैंने बुआ जी को बड़ी स्वादिष्ट मिसरा की रोटी बनाते देखी और खाई हूँ घर के
मेरे बचपन की यादें बहुत सुहानी और स्वर्णिम है इसलिए अब इधर -उधर की न करके मै सुहाने दिनों की सुहानी बातें करूंगी. बुआ के घर मैंने बुआ जी को बड़ी स्वादिष्ट मिसरा की रोटी बनाते देखी और खाई हूँ घर के द