हिन्द की शान हैं।हिन्दी हिंदुस्तान की पहचाना हैं, वह हिन्द की रहनुमा हैं।हिन्दी जुबान कही भी बोली जाय, वह हिन्द की शान हैं।कहने को लोग कहते हैं, हिन्द मे अनगिनत भाषाए हैं।उत्तर व मध्य भारत की, हिन्दी को बदनाम करते हैं।संगीत की धुन इंही, तलहटी व पहाड़ियो मे गूँजती हैं।बहती जमुना, बदनाम चंबल की घाटियो
कुछ खत मेरे नाम, बेनाम चले आएहम आज तेरी महफ़िल से, गुमनाम चले आएकुछ वक़्त तेरे साथ, कुछ लम्हे तेरे नामतेरी दोस्ती की गफलत में, हर शाम चले आएनाचीज़ समझते हो, बड़े शौक से समझोफिर भी मेरे नाम, कुछ इल्ज़ाम चले आए