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भाग-14

2 अक्टूबर 2022

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रचनाएँ
जीवन एक संघर्ष और परिश्रम सफलता की कुंजी
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इस एक बालक विक्रम जो अपने घर की तंग हालत में अपने जीवन को बहुत ही कठिन दौर में व्यतीत करता है लेकिन उसके बावजूद भी वह अपनी मेहनत और कर्मों से कभी भी मुंह नहीं मोडता है। वह काफी प्यास करने के बाद जीवन में कैसे सफल होता है।
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मेहनत ही मनुष्य का भविष्य है

9 जून 2022
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जीवन एक संघर्ष और परिश्रम सफलता की कुंजी है।लेखक :- इंजीनियर शशि कुमार "रचना-विशेष" (मेरी स्वरचित रचना को पढ़ने वाले सभी महानुभावों को मेरा सादर प्रणाम। मैं आशा करता हूं कि इस रचना को पढ़कर आप बहुत प्

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जीवन राह पर

9 जून 2022
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उस समय गांव में पढाई पर ध्यान देने वाले लड़के कम ही होते थे। क्योंकि गांव में लोगों के पास जमीनें होती थी। उस समय खेती का सारा काम हाथ से ही किया जाता था। फसलों के पक जाने पर लोगों को महीनों तक काम कर

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गाँव के मेले

2 अक्टूबर 2022
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  बचपन मनुष्य की आरंभिक अवस्था होती है। उस समय एक बालक को किसी भी बात का ज्यादा ज्ञान नही होता है। उस समय बालक अपने परिवार और समाज के व्यक्ति के साथ रहता है और उनसे देखकर सब कुछ सीखता है। विक्रम भी

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गाँव और त्यौहार

2 अक्टूबर 2022
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भाग-4 गर्मियों की छुट्टियां खत्म होते ही सभी बच्चे एकदम से सतर्क हो जाते हैं। कुछ बच्चे जो पढने से जी चुराते हैं। उन्हें डर लगने लगता है क्योंकि जब उनका सारा दिन खेलने और मौज मस्ती में गुजरता था। अब

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भाग-5

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यह मै आप सभी को पहले ही बता चुका हूं कि छुट्टियों के खत्म होने के बाद ही सभी बच्चों की आजादी का समय खत्म हो जाता है। सभी अपने आपको पढ़ाई के काम के लिए जुट जाते हैं। उन बच्चों के लिए यह मौका खुशी का हो

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भाग- 6

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विक्रम का आज नये विद्यालय में पहला दिन था। वह मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि उसे नये कपडे, नई किताबें और नया विद्यालय मिलने वाला था। वह गांव के सभी बच्चों के साथ जाने के लिए तैयार था। उसे बड़ी ही आतुरता

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भाग-7

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 विक्रम उस दिन विद्यालय से आकर अपने नये विद्यालय का सुंदर नजरिया सभी को बड़े ही गर्व के साथ सुना रहा था। वह अपने मन में अतीव खुश था। उसकी खुशी एक बड़े ही अनोखे अंदाज में झलक रही थी।  धीरे-धीरे सूर्य

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भाग-8

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  मनुष्य के जीवन में कोई ना कोई ऐसी घटना अवश्य होती है जो मनुष्य के जीवन मैं एक चुनौती पैदा कर बदलाव की राह दिखला देती है। विक्रम के जीवन में यह घटना एक अच्छा संदेश देकर चली गई जो उसके जीवन को बदलक

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भाग-9

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वह उसके जीवन की एक ऐसी घटना थी जो विक्रम को नया जीवन दे गई इसके बाद विक्रम हर समय हर तरह की घटना से डरने लगा था । वह कभी भी कोई घटना सुनता उसके लिए वह इतना परेशान हो जाता था कि वह उसे सुनकर कांपने लगत

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भाग-10

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विद्यालय के एक साल बाद विक्रम ने अपनी छठवीं कक्षा अच्छे नंबरों के साथ कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके पास कर ली थी। उसके पश्चात अब वह अगली कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। उस समय उसके पिताजी के पास कुछ

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भाग-11

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विक्रम की मां अभी तक सो नहीं पायी थी। वह चिंता में डूबी हुई थी। कि मेरे बेटे का भविष्य खतरे में है। इस मासूम बच्चे को, मैं कैसे बचा पाऊंगी। वह अंदर ही अंदर सोच रही थी। उसके अंदर आत्मा से रोना आ रहा थ

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भाग-12

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उस दिन विक्रम विद्यालय चला गया । उसकी मां ने अपने दिल में थोडी संतुष्टि रखना शुरू कर दिया अब वह बहुत ही शांत मन से रहने लगी। वह उदास जरूर रहती थी। लेकिन फालतू की चिंता लेना बंद कर दिया । कुछ समय तक व

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भाग-13

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विक्रम ने गर्मी की छुट्टियों में अपनी किताबों को दोस्त बनाया क्योंकि उसे कोचिंग करने या छुट्टियों में चलने वाली ट्युशन कक्षाओं में प्रवेश लेने के लिए रूपये नहीं थे। अभी भी उनके पिता की हालत तंग चल रही

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भाग-14

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जब शादी के बाद उसके माता पिता घर आते तो उसने सारी कहानी उसके माता पिता को सुनाई वे घबरा गये । उसकी मां कहने लगी अरे बेटा तुमने ऐसा क्यों किया कि ओलों में भी तुम बाहर निकल गये। वह अंधड़ तो वहां भी था

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भाग-15

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विक्रम को उस दिन सही से नींद भी नहीं आई थी। सारे दिन उसकी आंखों के सामने उसकी यात्रा और बाबा भृतहरी की फोटो घूमती रही। वह प्रसन्नता के कारण रात में देर रात तक जगा रहा और अपने ख्वाबों के ताने बुनता रह

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भाग-16

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हमने यात्रा के दोनों दिन बड़ी प्रसन्नता के साथ पूरे कर लिए इसके बाद हमने तीसरे दिन की शुरुआत सुबह के साथ की थी । हम सभी अपनी मंजिल की तरफ लगातार  बढ़ते जा रहे थे । तीसरे दिन की शुरुआत बहुत खुशी के साथ ह

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भाग-17

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हम उस दिन काफ़ी तक चुके थे। एक तरह जंगली जानवरों का भय और दूसरी तरफ हमारे अंदर पैदा हुआ डर हमें बहुत ही परेशान कर चुका था। हम इस सफर के अंदर बहुत कुछ सीख चुके थे। क्योंकि यह सफर हमारे लिए बहुत ही डराव

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भाग-18

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जब हम बाबा भृतहरी के मंदिर पर पहुंच गए। वहां का नजारा ही अलग था। मैं बाबा का विशाल मंदिर देखा तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।  मंदिर के चारों तरफ प्रसाद , खिलौने और स्त्रियों के श्रृंगार की दुकानें लगी हु

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भाग -१९

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सगाई के बाद विक्रम की जिंदगी खराब होती ही प्रतीत हो रही थी। अभी उसकी जिंदगी मौज-मस्ती करने की थी। लेकिन उसे गृहस्थी के बंधन में बांध दिया गया यह उसकी जिंदगी के लिए बहुत ही बडा दायित्व था। जो उसकी जिंद

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भाग -20

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विक्रम गोवर्धन से आने के बाद अपनी पढ़ाई के विषय में फिर से चिंतित होने लगा। उसे एक चिंता सता रही थी कि वह किस विषय के साथ अपनी जिंदगी की शुरुआत करेगा। क्या उसकी जिंदगी सफल हो जायेगी। वह इस समय अपनी पू

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भाग-21

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"दो दिल मिलने का समय आ गया,जो दिल अभी से बच्चे हैं। कैसे जीवन पार करेंगे,जो अभी उम्र में बच्चे हैं। अपनों के सपने लगे सजाने,जीवन की खुशियां बिखर गई। जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया,वह पापा की परी बहु बन

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भाग-22

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विक्रम की शादी सम्पन्न हो गई। शादी सम्पन्न होने बाद उसकी पत्नी रमा की विदाई हो रही थी। विदाई के समय परिवार के सभी लोग बहुत ही दुखी हो रहे थे क्योंकि यह समय वह होता है जब एक बेटी जो अपने माता-पिता की ब

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भाग-23

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विक्रम के सभी परिवार वालों ने बीती रात में बहुत खुशियां मनाई। सुबह जब वह बिस्तर से खड़ी हुई तो उसने देखा कि कुछ लड़कियां और कुछ महिलाएं उसके पास में बैठकर बातें कर रही थी। उसने बिस्तर से खडे होकर सभी

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भाग-24

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विक्रम बेचारा क्या करे। उसकी स्थिति बहुत ही खराब हो जा रही थी। वह सारे दिन काम करते रहता था। उसके बाद भी घर पर अपनी पत्नि रमा और उनकी मां की बातों को सुनना पड़ता। वह यह निश्चय नही कर पा रहा था कि वह क

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विक्रम एक मेधावी छात्र था उसे अपनी जिंदगी में मेहनत करके यह करके दिखाना था कि मेहनत के सामने सफलता छोटी होती है। एक सफल व्यक्ति हमेशा मेहनती होता है। मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण करने वाला स्वयं होता

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विक्रम के समझाने की रमा के दिमाग में कोई भी बात नहीं उतर रही थी। बस उसके ऊपर एक ही बात का भूत सवार था कि विक्रम मेरा साथ नही दे रहा है। उसकी मां की ग़लती होने पर भी उसने मुझे बड़ी ही बेरहमी से पीटा है

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भाग-27

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रमा काफी दिनों बाद उसके ससुराल आई थी इसलिए वह उन सब बातों को भूल गई जो उसके साथ घटित हुई थी। इस समय वह एक नई नवेली बहू की तरह आई थी। वह अपनी सास से भी कुछ दिनों तक नहीं बोली लेकिन कुछ समय बाद वह उससे

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विक्रम के बेटा पैदा होने की बहुत ही खुशी थी। घर के सभी सदस्य खुशी के कारण फूले नहीं समा रहे थे। विक्रम भी इस बात से बहुत खुश था उसके घर एक नये मेहमान ने जन्म लिया है। आज वह अठारह साल पूरा होते-होते बा

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भाग-29

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विक्रम के बेटा होने के बाद उसके घरवालों में बहुत खुशी थी। इसके अलावा जब विक्रम का पेपर सही चला गया तो उसकी जिंदगी में दूसरी खुशी आ गई थी। सभी को विक्रम की परीक्षा के परिणाम का इंतजार था। सब लोग परीणा

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भाग-30

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आज विक्रम के घर में सभी लोग जोश और उत्साह के साथ विक्रम के जाने की तैयारियां कर रहे हैं। रमा और उसकी मां उन्हें मन पसंद खाना तैयार कर रहे हैं। उसके पिताजी उसके लिए रहने और खाने का सामान तैयार कर रहे ह

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