चलो एक दूसरे से फ़ासला बढ़ाया जाए
बग़ैर आंसुओं के उम्र भर रोया जाए
ऐसा नहीं कि किसी और से नहि मिलता दिल
जैसे मिला तुमसे किसी और से कैसे मिलाया जाए
तसल्ली तो की थी मगर समझता ही नहीं
दिल को किसी और तरह समझाया जाए
क्या हुआ जो आशियाँ बनाने में उम्र लगी
हो इशारा तो उसे भी ख़ाक में मिलाया जाए