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भंवर

23 दिसम्बर 2022

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                                                                    भंवर   


यह कहानी भारत श्री लंका के कानूनी पेचीदगियों को उजागर करती है । हर देश की अपनी कानूनी व्यवस्था और वैधानिक दांव पेंच होते हैं । भारत की कानून व्यवस्था इतनी जटिल और जोड़ तोड़ वाली  है कि कोई भी कानूनी पचड़े में पड़ने से डरता है । सभी नागरिक को समान विधि विधान की व्यवस्था है लेकिन वकीलोंके दलील और न्याय में देरी के कारण असली मुद्दे लोग भूल जाते हैं । कोर्ट दर कोर्ट के चक्कर से भुक्तभोगियों की रूह कांप जाती
है और साधन से कमज़ोर लोग न्याय से निराश हो जाते हैं । श्रीलंका और भारत के अलग अलग कानून और व्यवस्था से अनभिज्ञ रनधीरे कानूनी दांव पेंच की अँधेरी गुफा में भटकते चले गए । ये नहीं कहा जा सकता कि रनधीरे निर्दोष थे । उन्हें भारत के कानून की भले ही जानकारी नहीं थी लेकिन किसी भी देश की एक स्थापित कानून व्यवस्था और अनुशासन होता है , रनधीरे ने जज़्बात के सामने कानून को तरजीह नहीं दी ।ससुराल वालों और पत्नी की उससे अकूत धन उगाही , बच्चों के प्रति उसका अगाधप्रेम और करुणा द्वारा ब्लैकमेल , भारत के वकीलों और कानूनी दांवपेंच में फँस कर नख़त्म होने वाली तारीखों की अंधी गुफा और और फीस ने उसे कंगाल कर दिया I वकीलों के गिरोह द्वारा कानून से खिलवाड़ में वह शामिल नहीं होना चाह रहा था लेकिन मजबूर होकर उसे एक
षड़यंत्र में शामिल होना पड़ा I  

सत्ताईस वर्षीय श्रीलंका केसॉफ्टवेयर इंजीनियर की शादी भारत की करुणा मोरे से बाक़ायदा भारतीय रीति रिवाज और वैधानिक तरीके से हुई थी । करुणा भी इंजीनियर थी इसलिए दोनों जल्द ही अमेरिका में अच्छी जॉब में लग गए । करुणा के दो भाई कैलाश और जगताप थे। उनकी पत्नियां सुप्रिया और माधुरी थीं। करुणा की मां गायत्री भी उनके साथ रहती थी । व्यवहार से थोड़ी कड़क और विदेशी जमाई से ज़्यादा से ज़्यादा से धन उगाही के लिए लालायित रहती । करुणा मां के साथ थी लेकिन धीरे धीरे जाल फेकने और धीरज रखने की सलाह देती । रनधीरे की एक बहन दुगामिनी और मां सीतामती थीं । उसका कोलंबो में दो बंगले और काफी संपत्ति थी । अमेरिका में भी एक अपार्टमेंट था । करुणा का पूरा परिवार उसकी संपत्ति पर गिद्ध दृष्टि लगाए था । उनका उद्देश्य कम से कम समय में मोटी रक़म हड़पने का था , उनके जज़्बात से उन्हें कुछ लेना देना नहीं था I 

करुणा के भाइयों और मां के दांव पेंच को जमाई समझ नहीं सका और पहले बेटे के जन्म के समय तक उन दोनो में मनमुटाव शुरू हो गया।दूसरे बेटे के जन्म के बाद करुणा काफी रक़म लेकर इंडिया चली आयी और रनधीरे कोबच्चे से दूर रखने लगी । मजबूरन उसे कोर्ट से आर्डर लाना पड़ा । जब उनके विवाद और झगड़े हद से ज़्यादा बढ़ गए तो रनधीरे ने श्रीलंका कोर्ट में तलाक़ का आवेदन दे दिया । 

करुणा का भाई कैलाश जलकर विभाग में क्लर्क था । ऊपरी आमदनी की वजह से शराब और जुए का आदी हो गया था । पारिवारिक कलह बढ़ने से सुप्रिया को मारना पीटना शुरू कर दिया । कमाई ज़्यादा होने के कारण वह घर खर्च उठता था इसलिए उसके घरवाले सुप्रिया का साथ नहीं देते । पच्चीस वर्षीय सुप्रिया एक बच्चे की मां होने के बावजूद गठीले बदन  और बिंदास महिला थी । ग्रेजुएट होने के कारण सर्विस करना चाहती थी लेकिन कैलाश हमेशा उस पर शक करता और मारपीट करता । पति और परिवार से पीड़ित सुप्रिया से रनधीरे की सहानुभूति थी । ससुराल में वह अब अक्सर सुप्रिया से बात करता और उसको सांत्वना देता । सुप्रिया को रनधीरे के रूप में एक शुभचिंतक मिल गया । सुप्रिया अब अक्सर उससे फ़ोन पर बातें करती । सामाजिक द्वन्द के मारे दोनों में अब एक अनचाहा आकर्षण होने लगा । अब फ़ोन पर बातें लम्बी होने लगीं और रनधीरे में सुप्रिया नयी सम्भावना तलाशने लगी । दूसरी बार जब रनधीरे मुंबई आये तो वह श्रीलंका कोर्ट से करुणा   को तलाक़ ले चुके थे I 

"बस कुछ दिन बाद करुणा को कोर्ट से आर्डर मिल जायेगा I हम कोई नया फैसला ले सकते है , उन्होंने सुप्रिया से
विवाह का प्रस्ताव रखा I "मैं भी इस नरक से छुटकारा चाहती हूँ, इसके लिए मुझे कैलाश से तलाक़ लेना होगा “। तलाक़ की कार्यवाही होने सुप्रियाने तब तक इंतज़ार करने को कहा I 

भारत के कानून से अनभिज्ञ या सुप्रिया के मोहपाश में फंसे रनधीरे सोच नहीं पाए, और सुप्रिया को एक अलग सलाह दी,  मैं दो दिन बाद वापस श्रीलंका जाऊँगा, इसके पहले तुम्हें फैसला लेना होगा, मेरे जाने के दो दिन बाद तुम
कोलंबो आ जाना, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, मैं अपने अधिवक्ता सेराज सैयद से तुम्हारा टिकट और वीसा का इंतज़ाम करा दूंगा , श्रीलंका कोर्ट में हम शादी कर लेंगे ।" रनधीरे ने सुप्रिया को समझा दिया ।सुप्रिया चुपचाप तैयारी करने लगी किसी को कानो कान खबर नहीं हुई । खर्च के लिए उसने सुप्रिया को दो हज़ार डॉलर दिया । 

जिस दिन रनधीरे कोलंबो के लिए रवाना हुआ उसी दिन तलाक़ की नोटिस मैरिज रजिस्ट्रार को मिली । करुणा के अधिवक्ता उदय सिंह ने यह दलील रखी कि उनकी शादी मुंबई में हिन्दू मैरिज एक्ट के अधीन हुई थी इसलिए श्रीलंका कोर्ट का फैसला भारत में मान्य नहीं होगा , इसलिए इस आर्डर को ख़ारिज कर दिया गया और श्री लंका कोर्ट को वापस कर दिया गया । इस नए घटनाक्रम से रनधीरे अनजान थे । दो दिन बाद उनके प्लान के मुताबिक़ सुप्रिया कोलंबो पहुँच गयी । ससुराल में बताया कि वह मायके नासिक जा रही है। रनधीरे ने कोलोंबो मैरिज कोर्ट
में सुप्रिया से शादी कर आश्वस्त हो गए । वह कितनी बड़ी क़ानूनी गलती कर रहे थे उन्हें अंदाज़ा नहीं था I सुप्रिया को अपनाने की जल्दबाज़ी में वह भारत में दो अपराध कर बैठे, इसलिए कभी भी भारत आने पर जेल की सलाखों में जाना तय था I श्रीलंका जाने के पहले उनके वकील सेराज ने एक महत्वपूर्ण योजना बनाई , लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया I 

क़ानूनी गहमा गहमी के बीच एक और प्रेमांकुर पनप रहा था I पति द्वारा बच्चों की मांग से तंग करुणा अब वह अपने वकील उदय सिंह से सलाह लेकर सब काम करती I न चाहते हुए भी वह उसपर आश्रित रहने लगी और  रोज़ फोन से शुरू होकर लम्बी वार्ता और दुःख सुख के अIदIन प्रदान तक पहुँच गया I उदय की आँखों में प्यार की कोमलता का स्पर्श उसे उन्मादित कर देता I वह अब इस सफर को जारी रखने में आनंद पाती और पति की कानूनी लड़ाई भूलने लगी I शादीशुदा उदय भी इस खेल को खेलने में शामिल हो गया I सुप्रिया तो अब इसे अंतिम पड़ाव तक ले जाना चाह रही थी और रनधीरे से छुटकारे के बारे में अपनी सहमति दे दी I कानून का मंझा हुआ खिलाडी उदय ने अपने पत्ते नहीं खोले थे I एक दिन सवेरे ही उदय का फोन आया," करुणा तुरंत बच्चों को साथ लेकर निकलने की तैयारी करो " I  

करुणा कुछ समझ नहीं पायी," क्या बात है, कुछ तो बताओ " I करुणा ने आशंकित हो कर पूछा I 

" करुणा , अभी मैं कुछ बता नहीं सकता , बच्चों के सब समान के साथ तैयार हो जाओ , मैं आधे घंटे में बताऊंगा
कहाँ आना है I किसी को कुछ बताने की ज़रुरत नहीं है , घर वालों को बोलो की तुम नासिक जा रही हो "I उदय ने फोन रख दिया I करुणा बहुत देर तक इस घटना के बारे में सोचती रही और अपना और बच्चों का सामान तैयार करने लगी I उसे उम्मीद थी कि कोई कानूनी अड़चन आ गयी है तभी उदय या सब कर रहा है I थोड़ी देर
बाद उदय ने सबको ठाणे के जीवन रिसोर्ट में पहुँचने को कहा और एड्रेस भेज दिया Iदोनों जब रिसोर्ट पहुंचे तो उदय कई लोगों के साथ वहां मौजूद था I  

" करुणा , श्रीलंका से तुम्हें डिपोर्ट करने का आदेश आ गया है I यह आदेश उच्चायुक्त के माध्यम से आया है इसलिए
कोर्ट में कुछ नहीं कर सकते I अच्छी बात ये है कि सिर्फ तुम्हें डिपोर्ट का आदेश है , बच्चों को यहीं रहना है I सात  दिनों तक तुम्हें पुलिस से बचना है I इसके बाद तुम्हें कोर्ट में हाज़िर करके ज़मानत ले लूँगा I बच्चों को नासिक के एक बोर्डिंग हाउस में रखने का इंतज़ाम कर दिया है I उन्हें भेज कर तुम्हें मेरे साथ पुणे चलना होगा, हम लोग सात
दिनों तक साथ रहेंगे I उसके इस प्रस्ताव पर न जाने क्या आकर्षण था कि वह तुरंत तैयार हो गयी I उदय ने उससे कई पेपर पर साइन कराया और बताया कि बच्चों का दाखिला और तुमसे शादी का आवेदन कोर्ट में देना है I उसे उदय पर इतना यक़ीन था कि उनमें क्या लिखा है पढ़ने कि ज़रुरत नहीं समझी I करुणा नयी ज़िन्दगी का सपना लिए पुणे चली गयी I  

अपनी मां से बिछड़ने के बाद बच्चे रो रहे थे , उन्हें बताया गया था कि उनका नए स्कूल में दाखिला होना है नासिक
जाना है I कार कहाँ जा रही थी उन्हें कुछ पता नहीं था I फाउंटेन के श्रीलंका वाणिज्य दूतावास में उन्हें ले जाया गया , जहाँ कुछ लोग सिंहली भाषा बोल रहे थे जिससे दोनों बच्चे खुश हो गए I उदय के सहयोगी संतोष ने एक अधिकारी से बात की और उन्हेंअटैची पकड़ा दी I रात बारह बजे दोनों बच्चों और संतोष एयरपोर्ट पहुँच गए I तीन बजे की फ्लाइट पकड़ कोलोंबो के लिए रवाना हो गए , जहाँ रनधीरे और सुप्रिया उनका इंतज़ार कर रहे थे I उनका  मिशन  कामयाब होने से उनको भारत के किसी मसले में दिलचस्पी नहीं रही I करुणा के बुरे दिन शुरू होने वाले थे Iपुणे के रिसोर्ट में सात दिन होने के बाद उदय ने चौकाने वाली सूचना दी, 

" मेरे पत्नी से तलाक़ और तुमसे शादी की अर्ज़ी ख़ारिज हो गयी है I जब तक रनधीरे यहाँ आकर तलाक़ खारिज होने की अपील नहीं करेगा तुम्हारा तलाक़ नहीं हो सकता I तुमको उसे किसी तरह मना कर यहाँ बुलाना
होगा, अपील करने तक कुछ नहीं होगा बाद में उसकी गिरफ़्तारी हो जाएगी I उसे किस तरह बुलाना
है तुम खुद समझदार हो " I  

उदय गेंद करुणा के पाले में डाल चले गए और यह भी नहीं बताया कि बच्चे कौन से स्कूल में हैं I बच्चों से मिलाने
का लालच दे कर ही रनधीरे को बुलाया जा सकता है, वह इस पर विचार करने लगी I  

 वह अपने ही बनाये भंवर में फंसती महसूस कर रही थी I रनधीरे के भारत में तलाक़ के बाद ही उदय उसे पनाएगा वह मुंबई तभी आएगा जब बच्चे रहेंगे I दूसरा अहम् मसला माधुरी का श्रीलंका भागना और रनधीरे पर केस का होना, यहाँ आने पर उसका गिरफ्तार होना तय है, इसलिए वह क्यों और कैसे आएगा? उदय का दांव सही पड़ा था क्योंकि थोड़ी देर बाद उसके अकाउंट में श्रीलंका से बड़ी रक़म ट्रांसफर हुई, एक कुटिल मुस्कान के साथ वह दूसरे क्लाइंट के काम में लग गया I उसे पता था की रनधीरे अब कभी नहीं आएगा I 

  

  

  

  

   

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