हमारा भारत देश वीरों का देश है। जब भी कोई दूसरा देश हमारे उपर बुरी नजर करता है तो पूरा देश मिलकर उसका सामना करता है और हिम्मत से जीतता है। हमने आसानी से आजादी नहीं पायी, हमारे देश के वीरों ने अंग्रेजों को अपनी एकता का बल दिखा कर भागने पर मजबूर कर दिया। अंग्रेज आये तो थे व्यापारी बनकर लेकिन यहाँ के गरीब अनपढ़ लोगों को अपने मील कारखाने में नौकरी देकर उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया और उनपर जुल्म करने लगा। किसानों को ज्यादा कर शुक्ल मागने लगा नहीं देने पर उनके जमीन और पशु को छीन लेता था। डरा कर सबको रखता था कि कोई आवाज ना उठाये, भूल से अगर कोई बोलता था तो उसे कैद करके भूखा प्यासा छोर देता था।
जब लोगों को वर्दाश्त नहीं हुआ तब लोगो ने विद्रोह करना शुरू किया जिसके कारण 1857 में मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज ऊठाई और अंग्रेजों ने मार डाला। उधर झांसी की रानी के पति के मरने के बाद उसका राज्य हड़पने की कोशिश करने लगा लेकिन लक्ष्मी बाई ने मरते दम तक अंग्रेजों से लडाई करती रही। वो हमेशा चाहता था कि हिंदुस्तानी को डरा कर रखो आपस में मिलने नहीं दो लड़ा कर रखो ताकि उनका शासन चलता रहे। एक राजा को दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल करता था।
हमारे देश के वीरों ने बहुत करके अपने जान की बाजी लगा कर अंग्रेजों के खिलाफ बोलते थे उन्हें पता था कि जितना डरेगे उतना ही ये हमें डरा कर रखेगे। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी चंद्र शेखर आजाद, भगत सिंह, राज गुरु, सुखदेव जी, इनलोगो ने हँसते हँसते अपने देश की आजादी के लिए प्राण बलिदान कर दिया। सुभाष चन्द्र बोस, गांधी जी, सरदार पटेल, मौलना आजाद, सरोजनी नायडू जी, विजया लक्ष्मी पंडित, कमला नेहरू, और अनगिनात लोगों ने अपना सहयोग दिया आजादी पाने में।
हमारे स्वतंत्रता सेनानी ने जो हिम्मत दिखाई उसे जितना बोला जाय लिखा जाय या सुना जाय हमेशा यही प्रेरणा देती है कि दुश्मन कितना भी बड़ा और शक्ति शाली हो फिर भी हौसले बुलंद करके हिम्मत से बुद्धि मानी से हम जीत सकते हैं सिर्फ अपने उपर भरोसा होना चाहिए और हमे हरहाल में इसे पाना है ये दृढ़ संकल्प खुद से होना चाहिए फिर कोई मुश्किल या बाधा आपको हरा नहीं सकता है ये बहुत बड़ी सच्चाई है।