विनोवा भावे का पूरा नाम विनायक राव भावे था । इनका जन्म 11 सितंबर 1895 को कोलाबा जिला महाराष्ट्र में हुआ था । इनके पिता नरहरि शंभु राव और माता रुक्मिणी देवी थी । वो एक समाज सुधारक थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में भी भाग लिया था । इन्होंने भूदान आंदोलन चलाया था गरीबों के लिए। सर्वोदय आंदोलन भी चलाया था । वो गांधी जी के विचार को मानते थे। ये पढ़ने में भी अच्छे थे, इनकी गणित और संस्कृत मे ज्यादा रुचि थी । 1915 में इन्होंने lsc की परीक्षा पास की। इसके बाद ये साबरमती आश्रम में गाँधी जी के साथ रहने लगे। 1940 में इन्होंने सत्याग्रह आंदोलन में भी भाग लिया। ये पैसे जमीन बाले बड़े लोगो को हमेशा दान के लिए प्रेरित करते रहते थे । ये लोगो को भू दान, ग्राम दान संपत्ति दान के लिए घूम घूम कर सबको प्रेरित करते थे । ताकि गरीब लोग भी ठीक से जीवन जी पाये। इन्होंने बहुत से किताबों की रचना किया। ये जहाँ भी जाते थे सबको जमींदारों को जमीन दान करके गरीबों को बसाने की मदद मांगते थे । इनका भुदान आंदोलन 13 साल तक चला । ये एक सच्चे देशभक्त और समाज सुधारक थे ।
इन्होंने शराब बंदी करवाया था। ये भारत के पहले इंसान थे जिसे मेगासेसे अवार्ड मिला था। इन्हें बाद में 1983 मे भारत रत्न भी मिला । इनका जीवन दुसरो की भलाई करने में ही लगा रहा। हमेशा समाज को सही काम सिखाया। गरीबों के लिए बहुत प्यार और दया था इनके मन में।