शायद मेरी यादों का साया, घेर लेता है ! अक्सर वो मुझे देखकर, मुँह फेर लेता है !! लगता है किसी दर्द का, मारा है आजकल,, वो गाँव के कुत्तों पे पत्थर, फेंक लेता है !! 1 परदे में मेरे घर के, अब हा
( 1)क्यों? मुझको ऐसा लगता है। दूर कहीं कोई रोता है।कौन है वो? मैं नही जानता। पर,मानो अपना लगता है।कहीं दूर कोई रोता है। मुझसे मेरा मन कहता है। ( 2)अक्सर अपनी तन्हाई में, ध्
गर्व सृजन का पाया बीज प्रेम अंकुराया कर अस्तित्व अनुभूति सुरभित मन मुस्काया स्पंदन स्नेहिल प्यारा प्रथम स्पर्श तुम्हारा माँ हूँ मैं,बिटिया मेरी तूने यह बोध कराया रोम-रोम ममत्व कस्तूरी जीवन की मेरी तुम धुरी चिड़िया आँगन किलकी ऋतु मधुमास घर आया तुतलाती प्रश्नों की लड़ी मधु पराग फूलों की झड़ी "मा