भोला को किराने दुकान का भार सौपा गया था। वो हमेशा जय श्री राम का का भजन करताहुआ काम करता था। जब से भोला आया था उस दुकानदार की दिन प्रतिदिन मुनाफा ही मुनाफा हो रहा था।
ये देख पास वाले दुकान दार को बहुत जलन होती थी । एक दिन पास वाले दुकान के मालिक ने कहा-
अरे रामु ये भोला क्या ऐसा जादू करता हैं उसकी दुकान की इतनी तरक्की हो गई।
उसका नौकर बोला- हाँ वो दिन रात जय श्री राम का गाना गाउँगा तो हमारी भी तरक्की होगी।
रामु भी ऐसा ही करने लगा। लेकिन उसकी तरक्की के बजाय और दुकान घाटे मे जा रहा था।
एक दिन रामु का मालिक बोला- ये क्या रामु तू कैसे गाना गाता है भोला भी तो ऐसे ही गाता है तो उसकी दुकान कितने आगे जा रहा हैं।
वहाँ से एक पंडित जी गुजर रहे थे उसने उन दोनों की बात सुन ली। पंडित जी ने मुस्कुरा कर कहा- भोला बिना किसी लालच का दिल से भजन करता हैं और तुमलोग लालच मे गाना गाते हो।
भगवान बिना स्वार्थ मे बसते हैं लालच या बेईमानी मे नहीं।