एक छोटी सी स्टोरी है।
रामु नाम एक आदमी अपने मालिक का बहुत ही वाफादार था। कितनी बार अपनी बिना गलती कि भी उसे बात सुननी पड़ती थी। लेकिन फिर भी कभी अपनी मालिक की बातो को बुरा नहीं मानता।
लेकिन इधर सभी नौकर अपनी उसकी बात को बुरा मान अपनी अपनी नौकरी छोड़ कर जा चुके थे।
एक दिन रामु और उसके मालिक अकेले ही थे। अचानक रामु की तबियत खराब हो गई जब उसे हॉस्पिटल ले गया। तब डॉक्टर ने जांच करके कहा।
रामु की एक ही किडनी हैं जोह खराब हो चुकी हैं ये कुछ पल का ही मेहमान हैं।
बहुत कोशिश के बाद रामु के लिए कोई किडनी देने को तैयार नहीं था। तब एक शख्स तैयार हुआ।
रामु का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। जब रामु को होश आया तो रामु ने पूछा- doctor साहब मुझे किस इंसान ने जान बचाइ हैं।
डॉक्टर- आपके मालिक ने।
ये सुन रामु रोने लगा तब मालिक पास आये बोले- अरे रामु क्यू रो रहा हैं मत रो बेटा।
रामु- मालिक आपने मुझे किडनी दे कर जान बचाइ हैं ऐसा क्यू मालिक मै आपका नौकर हूँ ना।
मालिक- तू नौकर हैं तो क्या तुम जैसे इंसान को इस धरती माता को बहुत जरूरी हैं। अब तुम आराम करो।
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