राहुल का दूसरे दिन एग्जाम था उसे यही डर था कि कहीं फिर से फैल ना हो जाए। इसलिए पूरी रात अपने गार्डन मे पढ़ता रहा लेकिन उसके दिमाग मे कुछ नहीं घुस रहा था। आँख मे पानी था- हे भगवान कोई जादू कर दो ।
थोड़ी देर मे कुछ चमकता हुआ कुछ दिखा दिया।
जब जाके देखा तो वहाँ एक लाल पेंसिल था। पेंसिल उठा कर रख लिया। जब एग्जाम हॉल मे बैठा तो राहुल सोच रहा था कि बस पास हो जाऊँ।
जब राहुल एग्जाम दे रहा था। उसे बस जादू लाल पेंसिल था। उसी पेंसिल से एग्जाम दिया। राहुल पास भी हो गया।
जब दूसरी बार एग्जाम दे रहा था तो अच्छे नंबर से पास हो गया। राहुल जब भी जितना सोचता उस तरह के नंबर से पास हो जाता।
एक दिन राहुल ने सोचा इस बार टॉप करुगा और खूब मन लगा कर पढ़ने लगा। इस बार सच मे टॉप कर गया। राहुल ने सोचा- ये लाल पेंसिल मेरे लिए कितना
लकी है। क्या ये सच मे जादुई पेंसिल है।
एक दिन राहुल ने बहुत खोजा लेकिन उसे लाल पेंसिल नहीं मिला लेकिन वहाँ एक राहुल एक नोट मिला जिसमे लिखा था- प्यारे बच्चे आप पेंसिल मत खोजो नहीं मिलेगा वो अपने जगह पर है तुम एक मेहनती बच्चे हो। तुम्हारे मनोबल ऊँचा हो इसलिए तुम्हें वो पेंसिल दिया था।
तुम बहुत मेहनत करो बहुत आगे बढ़ो।