सोहन उस दिन पहली बार अपनी खेत पर जा रहा था।
क्युँ जी आप रात मे क्यु खेत पर जा रहे हो। सोहन की बीवी ने सोहन से कहा! इतनी कड़ी मेहनत से खेत बोया हैं कहीं कोई जानवर पौधे ना बर्बाद कर दे- सोहन ने कहा।।
सोहन रात का खाना लेकर अपनी साइकिल लेकर चल पड़ा था खेत की ओर। सोहन अपनी मगन मे चलते जा रहा था। कुछ ही दूरी पर खेत था कि उसके पहले सोहन ने किसी की रोने की आवाज सुनाई दी। । एक पेड़ के नीचे से आवाज आ रही थी।। जब सोहन ने देखा तो एक भूत था.. सोहन डर गया।।
उस भूत ने कहा- मत डरो। मैं तुम्हे कुछ नहीं कहूंगा।
बस मुझे कुछ खाने को दे दो।।
सोहन ने डर से उसे अपना खाना दे दिया।।
रोज इसी तरह होने लगा।जिससे सोहन रोज भूखे रह जाता।। लेकिन रोज अपनी खेत की रखवाली करता।।
एक दिन भूत ने सोहन से कहा- तुम मुझे ये साईकिल दे दो।। अगर नहीं दिए तो मैं तुम्हे खा जाऊंगा।
सोहन ने उसे डर साईकिल भी दे दिए। वो रोज पैदल ही आकर खेत की रख वाली करता।।
एक दिन भूत ने उससे पूछा- सोहन मै तुम्हे इतना परेशान किया लेकिन फिर भी तुमने हार नहीं मानी।
सोहन- कैसे हार मानूँ। उस खेत पर मेरा मेहनत लगा हैं थोड़ी सी मेहनत के लिए उसे बर्बाद क्यूँ करूँ।।
भूत- वाह सोहन मैं भी तुम्हारे सामने हार गया। तुम्हें कामयाब हो ये मेरी दुआ हैं।। तुम मुसाफिर चलते जाओ...
कुछ ऐसा ही हुआ। सोहन की बहुत अच्छी फसल हुई। उसकी कमाई भी बहुत अच्छी हुई।
🌹 इस कहानी हमे ये कहना चाहती है।। कोई काम करो तो पुरा करो।। 🌹