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भ्रामक खबरें: समाज के लिए जहर

29 अक्टूबर 2022

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रचनाएँ
मेरे विचारों की प्रेरणा मातपिता....।
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मेरी किताब मेरे मन के विचारों पर केंद्रित है न इसमें अनावश्यक चीजों का समावेश है न किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों की रचना मेरी किताब समाज को प्रेरित करने महिलाओं में जाग्रति पैदा करने और वृद्ध लोगों का सम्मान करने के साथ साथ समाज की कुरीतियों को जनता के समक्ष उपस्थित करने का माध्यम है, मेरी कलम का एकमात्र उद्देश्य अपनी कविताओं से समाज के विकास में योगदान देना रहा है युवाओं का मार्गदर्शन करना बच्चों में संस्कार की शोभा बढ़ाना रहा है, हालांकि कहीं कहीं कटु सत्य को उजागर किया है क्योंकि अक्सर बीमारी में कड़वी दवाई ही लाभदायक होती है ठीक उसी प्रकार समाज को जागरूक और बदलने के लिए कड़वी घुट्टी रूपी सच्चाई पिलानी होती है।
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मैं गरीब हूं पर कामचोर नही....।

3 सितम्बर 2022
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लाचार,बेबश,थका हारा वो मजदूर, धूप की तपन से कराह रहा, तन पर फटे वस्त्र धारण करें, काम की तलाश में दर दर भटक रहा, लोग हंस रहे उसकी दशा देख, और वो देख नजर झुका चला जा रहा, यह देख रहा एक बच्चा, आंखों म

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सत्य की लड़ाई

3 सितम्बर 2022
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आसान नहीं सत्य को साबित करना, करना होता कड़ा परिश्रम, और करना होता अनेकों चुनौती का सामना, देनी होती कठोर परीक्षाएं, क्योंकि झूठ के पैर बड़े लम्बे है, जिस कारण बिक जाती सच्चाई, और जीत जाती बुराई, स

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ग्लोबल वार्मिंग

3 सितम्बर 2022
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प्रकृति की सौंदर्यता उसका आभूषण है, और हरियाली उसकी शोभा, लेकिन इंसान को मिली सुख सुविधा, पहुंचा रही प्रकृति को नुकसान, अनियंत्रित वाहनों से निकलता धुंआ, कारखानों से निकलती जहरीली गैसे, चारों और हो रह

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Maa

3 सितम्बर 2022
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बेटा.... मेरे संग संग साये की भांति रहती थी, हर वक्त बस मेरा ही उसको ख्याल, चेहरे पर मुस्कराहट लिए, मेरे पीछे पीछे दौड़ती रहती, कहती बड़ा नटखट है, पर मेरा राजदुलारा आंखों का नूर है, आज मां मेरे पीछ

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इश्क

4 सितम्बर 2022
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सही कहा था किसी ने, मत करना प्यार किसी से, बड़ा तड़पाता है ये इश्क, मत लगाना दिल किसी से, बड़ा रूलाता है ये दिल, टूटकर बिखर जाओगे, हर वक्त उदासी के बादलों में, हर एक कोने में चुपचाप बैठे, उसकी याद

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कड़वी सच्चाई

4 सितम्बर 2022
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लडकिया जब घर मैं बैठती है तो सोचती है वह कैद है, लेकिन शायद ऐसा करने को उनका परिवार मजबूर हैं, कोई शहर कोई गली मौहल्ला ऐसा बचा नहीं, जहां घर की बहू बेटी महफूज रह सकें, क्योंकि यह समाज अब वैसा रहा न

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कॉफी और दोस्ती

4 सितम्बर 2022
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प्यार की शुरुआत थी वो पहली हमारी कॉफी डेट, माना शुरू शुरू में दोस्ती थी फिर मुलाकातें हुईं, और कब हमारी बातो की मिठास हमारे जीवन को महका गई, पहले कॉफी डेट पर घंटों बतराते थे, अब जीवनभर साथ रहने की कसम

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शिक्षक और समाज निर्माण

5 सितम्बर 2022
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समाज की नींव है, युवा पीढी का कहलाते भविष्य, शिक्षक ही कहलाते हमारे मार्गदर्शक, उनके तीन रामबाण, "निडर होकर हर वक्त अभ्यास करो, गलतियों से सीख अपने लक्ष्य को साधो, कोशिश करते रहना सफल इंसान की निशा

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सोशल मीडिया की ताकत

6 सितम्बर 2022
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आधुनिक तकनीकें आधुनिक अविष्कार की जननी भारत, हर कार्य चाहे वो रोजगार हो या शिक्षा से संबंधित, सब इंटरनेट से हो रहा संचालित, आज सोशल मीडिया इतनी बन गई सशक्त, इस बिन नहीं चलता कोई काम, बच्चे बूढ़े सभी ह

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आइना

6 सितम्बर 2022
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हां मैं आईना हूं, जो सत्य को उजागर करता है, खुद को परखने की हिम्मत देता है, हम जैसे है वैसा दिखाता है, कोई झूठ प्रपंच से ढका नहीं, वो तो आईना है, जो सच को दिखाता है, बन किसी का आईना वो, करता कोर्ट

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टाइम ट्रैवल

7 सितम्बर 2022
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बात कुछ पुरानी है पर यात्रा बड़ी सुहानी थी, कोने में बैठी वो लड़की थी बड़ी भोली सी सूरत उसकी, होंठों पर प्यारी मुस्कान थी चेहरे पर अलग नूर था, मानो कर रही मुझे मंदमुग्ध उसकी चेहरे की मुस्कान, अजीब सी

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वृद्ध आश्रम

8 सितम्बर 2022
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प्रभु की लीला कहूं या जमाने की फितरत जो पिता सारी उम्र अपने बच्चों का भविष्य संवारने में अपनी जीवन पूंजी लगा देता है वहीं बेटे पिता के बुढ़ापे में उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं आखिर क्या हो गया हमा

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हां मैं बूढ़ा हूं।

8 सितम्बर 2022
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हां बेटा हां मै वही बूढा वृद्ध हूं, जिसने पांच पांच बच्चों को पाला पोसा, हर जरूरतों को पूरा किया, हर छोटे से छोटे नखरो को उठाया, हां बेटा हां मै वही बूढ़ा वृद्ध हूं, जिसने तुम्हारे सपनों को पूरा करन

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रेल यात्रा

9 सितम्बर 2022
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जीवन की पहली यात्रा सन् 2015, दिन -शुक्रवार महीना अगस्त का था जब शाम के समय मैंने रेल को देखा और बहुत सोचने के बाद उसमें चढ़ा मानो डर था सुन हादसों को एक के बाद पर देख मुझे सबने पूछा भाई इतना क्यों डर

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मानसिक स्वास्थ्य

11 सितम्बर 2022
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नेहा तुम्हारी तबियत तो बहुत खराब है मां ने कहा, नहीं मां हल्का सा बुखार है जल्दी ठीक हो जाएगा,अरे शरीर तप रहा है और तू कह रही हल्का सा है अरे मां, तुम भी जरा जरा सी बात पर टेंशन ले लेती हो ओहो आजकल के

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मानवीय पूंजी

15 सितम्बर 2022
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जीवन से बड़ी पूंजी संसार में कुछ नहीं इसलिए कहते हैं सुबह सुर्योदय से पहले उठ सुबह की ताज़ा हवा खाओ... क्योंकि वही सबसे फायदेमंद है जड़ीबूटी जो शरीर को रखें चुस्त दुरुस्त... मानती हूं सुख साधन आज के य

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सच वहीं है जो दिखता है...।

17 सितम्बर 2022
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एक व्यक्ति खाना चुरा रहा था, जरूर चोर होगा, पर कभी सोचा है वो भूखा हो सकता है, नहीं, एक अंधा व्यक्ति भीख मांग रहा था, लोगों ने कहा क्या ढोंग रचा रहा है, तरीके हैं इनके ये पैसे मांगने के, क्या सोचा

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अलौकिक आभा थी.... सचमुच।

22 सितम्बर 2022
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सादगी उसका आभूषण था, पर हाथों में खनकाती चूड़ियां, उसकी सुंदरता में चार चांदनी लगाती, चेहरे पर मुस्कराहट हर वक्त, उसकी सौंदर्यता की शोभा बढ़ाती, उसके केश मानो लहराते नाग से, उसकी सौंदर्यता को निखारते,

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मेरी पहली पढ़ी पुस्तक

22 सितम्बर 2022
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बात कुछ समय पहले की है जब देश भीषण समस्या की चपेट में था और हर तरफ अफरा तफरी मची हुई थी न खाने का सामान उपलब्ध हो रहा था न सांस लेने वाली ऑक्सीजन हर तरफ बड़ी विचित्र स्थिति बनी हुई थी ऐसे में बच्चों क

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शर्मसार होती इंसानियत

23 सितम्बर 2022
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आज जहां देखो वहीं ईष्या द्वेष और जलन की भावना ने उग्र रूप धारण कर लिया लोगों में मानो प्रेम सद्भावना का भाव अब कहीं दिखलाई नहीं देता मानो वो कोहरे की धुंध की भांति लुप्त सा हो गया है और इंसान इंसान

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मृत्यु भोज

23 सितम्बर 2022
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क्या विडम्बना है समाज की, जब तक जीवित था तब तक, मैं किसी को याद भी नहीं, अब नहीं रहा तो कर रहे मेरे गुणगान, जब था तब तो लगता था बोझ उनको, अब मेरे जाने के बाद बहा रहे आंसू, क्या यही हकीकत है, जब तक थ

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अंतरिक्ष

24 सितम्बर 2022
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आज हमारा भारत देश सफलताओं की ऊंची उड़ान भर रहा है जिसे देख आज भारत देश विकसित देशों की श्रेणी में आ गया है और सभी भारत में चल रही सुदृढ नीतियों की  तरफ आकर्षित हो रहे हैं जिसमें हमारे प्रधानमंत्री

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क्या आया यह जमाना....।

24 सितम्बर 2022
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वो दिन आज भी याद है, जब एक रोटी होती थी, और मां सब बच्चों में बांट कर, खुद मुस्कान लिए खाली पेट सो जाती थी, वो दिन आज भी याद है, जब जेब खाली होकर भी, न जाने कैसे हर ख्वाहिश पूरा करते, हमारे पिता हर

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बात सोचने वाली है...।

24 सितम्बर 2022
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मैने सवाल किया भगवान से, कि मेरे हिस्से में ही सारे दुख क्यों? वो हंसा और बोला, तूने कभी नहीं कहा आकर मुझसे, कि मेरे हिस्से में ही सारे सुख क्यों?

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कटु सत्य

24 सितम्बर 2022
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हजारों शिकायतें करो, पर खुद से, कि क्या कमी है मुझमें, क्योंकि पूछने लगे लोगों से, तो कहेंगे तुझमें अच्छाई ही कौनसी थी।

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यह क्या बात हुई.....।

24 सितम्बर 2022
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आप धनवान हो क्योंकि आपके कर्म अच्छे हैं, आप गरीब हो क्योंकि आपकी किस्मत में लिखा है, यह सिर्फ मन का वहम है, क्योंकि कर्म का हिसाब तो वो ऊपर बैठा खुदा लिखता है, हम तो बस कर्म का फल भोगने के लिए जन्म ले

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किसी ने क्या खूब कहा है....।

24 सितम्बर 2022
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आपके पास सुख बांटने के लिए परिवार है, दुख में साथ देने वाला दोस्त हैं, फिर आप क्यों सोचते हो आपके पास कुछ नहीं, अरे ! सच तो यह है, तुम्हारे पास तो दुनिया की सारी दौलत है, जिसके लिए हर कोई तरसता है, फि

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शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022
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जैसा कि आप सभी को विधित है कि इस माह नवरात्रि का पर्व शक्ति और उपासना करने का पर्व होता है साथ ही कुछ लोग यह बात जानते हैं कि साल में चार नवरात्रि आते हैं  वसंत और शारदीय नवरात्रि, आषाढ़ और पौष नव

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युवाओं के लिए शारीरिक सकारात्मकता

28 सितम्बर 2022
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बिगड़ती सेहत, बदलता माहौल, आधुनिक चकाचौंध यह निशानी है युवाओं को अपने उद्देश्य से भटकाने की क्योंकि आज जहां देखो वहां 40 की उम्र में हार्ट अटैक बीपी से सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती है क्योंकि उनके

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प्राकृतिक आपदा

29 सितम्बर 2022
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वृक्षों का होता क्षरण और वाहनों की बढ़ती आवाजाही कारखानों से निकलता धुंआ सब निशानी है प्राकृतिक आपदा की,  जिसका विध्वंश सैकड़ों लोग झेल चुके हैं फिर भी पर्यावरण को  स्वच्छ रखने की बजाय उसे और गंदा कर

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ऑनलाइन गेमिंग

30 सितम्बर 2022
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खोखो कबड्डी सतगोला पोषमपाई पोषम पा, चिड़िया बल्ला, चैन चैन, पकडम पकडाई, कलर कलर चिंगापो यह गेम मानो कहीं लुप्त हो गये,बस यादें बची है दिलों में..... जब कभी बातें चलती बचपन की तब कहीं याद आते यह खेल

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महात्मा गांधी पर आपके विचार

1 अक्टूबर 2022
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सत्य और अहिंसा परमो धर्म का अनुसरण करने वाले, सर्वधर्म समभाव की प्रेरणा से ओतप्रोत, अस्पृश्यता निवारण हेतु जन जन को जागरूक करने वाले, भय से मुक्ति दिलाने वाले महात्मा गांधी के जीवन पर अपने माता पिता

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अहिंसा परमो धर्म

2 अक्टूबर 2022
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सिखाया जिन्होंने अहिंसा का पाठ बताया सत्य का मार्ग, आज वही हमारे बीच नहीं रहे पर उनके विचार आज भी भारतीय को प्रेरित करते हैं, जीती सत्य अहिंसा से उन्होंने अनेकों लड़ाई धूल चटाई अंग्रेजों को और कर दिया

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कला चिकित्सा और इसके लाभ

3 अक्टूबर 2022
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व्यक्ति का मन बड़ा चंचल है जब उसमें प्रतिभा की बूंदें पड़ती है तब वो उसमे तल्लीन होकर भूल जाता अपने सब दुख दर्द पीड़ा है इसलिए चिकित्सा से होने वाला उपचार मन को स्वस्थ बेशक करता है पर हमारे अंदर सजीवत

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विजयादशमी पर्व

5 अक्टूबर 2022
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बुराई का नाश, अच्छाई की जीत सतयुग से चली आ रही है जब जब धरा पर असुरों ने फैलाया तांडव तब तब ईश्वर को होना पड़ा धरा पर अवतरित..  अच्छाई पर बुराई का प्रतीक है विजयादशमी का पर्व इस दिन रावण का राम ने वध

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कर्म और भाग्य

6 अक्टूबर 2022
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शिशु जब जन्म लेता है तब यमराज की पत्नी प्रसुति उस शिशु का मरण भी तय कर देती है उसी प्रकार हमारे कर्म हमारा भाग्य लिख देते हैं..... जो बोया है तुमने बीज, वहीं तो काटोगे, अब तय तुम्हें करना है, और उस

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जीवन में सबसे ज्यादा पछतावे वाली घटना

7 अक्टूबर 2022
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कुछ समय पहले जब मेरी नौकरी बड़ी कंपनी में लगी तब मुझमे अहंकार आ गया और मैं खुद को सबसे ऊंचा समझने लगा छोटो के साथ दुर्व्यवहार करना बड़ों से ऊंची आवाज में बात करना मेरी मानो आदत बन गई, और एक दिन मेरी

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डिजीटलीकरण

8 अक्टूबर 2022
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डिजीटलीकरण नयी चीजों को सीखने में समझने में समय लगता है क्योंकि पुराने जमाने में न मोबाइल था न इतनी तकनीकी सुविधा पर अब देखो बड़े से बड़े छोटे से छोटे बच्चों के हाथों में मोबाइल है और वो हमसे अधिक इसक

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आधुनिक जीवनशैली

9 अक्टूबर 2022
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जीवन क्षणभंगुर है फिर भी उससे आशा है अभिलाषा है क्योंकि जीवन सबको प्यारा है फिर बदलता परिवेश आधुनिक सोच ने जीवन को नयी दिशा प्रदान की है जीवन को अपने ढंग से  जीने की वजह प्रदान की है वहीं हमारी संस्क

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परिवार : आपके अनुसार

12 अक्टूबर 2022
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फूल सी कोमल डाली है चंचल सा स्वभाव लिए भंवरे सी मंडराती रह, सूर्य की लालिमा हर वक्त द्वार पर फैले, तुलसी मैया का पौधा घर अंगना के बीच हो, वृक्षों की सी हरी भरी हरियाली हो, निर्मल पानी का झरना जैसी वृ

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करवा चौथ

13 अक्टूबर 2022
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सुहागन स्त्रियों का श्रंगार उनके पति की दीर्घायु की मंगलकामना से शुरू होकर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जिस खातिर वो हर साल करवाचौथ का व्रत करती है ताकि उनका सुहाग चिंरजीवी हो..... जिसको कुछ इस प्रकार

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ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

15 अक्टूबर 2022
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भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति, जाने माने वैज्ञानिक और अभियंता कहलाते वो मिसाइल मैन भी भारत रत्न से सम्मानित अब्दुल कलाम जी के विचार आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हैं उनकी काम कर

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मेरा पहला कार्य दिवस

17 अक्टूबर 2022
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नया सफर था नयी थी मंजिल और आशा थी एक.....मन लगा करूंगी कार्य और करूंगी अपने मातापिता का नाम रोशन.... शुरू किया अपना प्रथम कार्य सूर्या नमस्कार, कहते हैं सूर्य की लालिमा आंखों के लिए फायदेमंद होती है

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ऑनलाइन शॉपिंग बनाम पारंपरिक खरीददारी

18 अक्टूबर 2022
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त्योहार हो या कोई मंगल कार्य खरीददारी करने का शौक सबका अलग है कोई दुकानों पर जाकर भाव तोल किए बिना मानता नहीं और कोई ऑनलाइन शॉपिंग करने का फायदा उठाता है तो कुछ रास्तों में लग रही दुकानों से शापिंग क

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पारिवारिक विरासत

20 अक्टूबर 2022
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खुद कमाने और बिना मेहनत के मिलने में बहुत फर्क है आपके माता पिता जीवनभर की पूंजी जोड़ते हैं प्लाट खरीदते हैं ताकि आपको भविष्य में दिक्कत न आए यह कहलाती है पारिवारिक विरासत....., जिस पर जब तक वो जीवित

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नकारात्मक और सकारात्मक सोच

20 अक्टूबर 2022
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सब कुछ सही होगा और क्या पता कुछ बुरा हो जाए इन दोनों में क्या अंतर है? बस एक हमें सांत्वना देती है और दूसरी हमें भयभीत, यही अंतर हमारे और दूसरों के सोचने के तरीकों और सोच में होता है, सकारात्मक सोच व्

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त्योहारो की अविस्मरणीय यादें

21 अक्टूबर 2022
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सचमुच त्योहारों की बात बड़ी निराली होती,याद है न वो पल जब घुल मिल जाते सब भूल सारे मतभेद मिल जाते गले और खुशियों से नाचते झूमते और मनाते त्योहार न कोई पराया होता न कोई गैर सब अपने बन जाते..., एक दिन

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दीपोत्सव

23 अक्टूबर 2022
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अंधियारे की सांझ से उजाले का प्रकाश है दीपावली तो खुशियों और आनंद का त्योहार है दीपों से हर घर सजा धजा रहता तरह तरह मिष्ठान्नों से भंडार भरा होता सब मिलजुल दीप जलाते और गले मिल बधाईयां देते क्योंकि

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भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण

26 अक्टूबर 2022
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वाहनों की होड़ है आधुनिक जीवनशैली की चाहत कुछ भी कहो होता पर्यावरण प्रदुषित है क्योंकि चारों और फैला धुंध, वनों की अंधाधुंध कटाई से प्रकृति है अचंभित...., क्यों नहीं समझता मानव यह सब विनाशकारी होगा

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राहें

28 अक्टूबर 2022
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अक्सर हम अपनी मंजिल से भटक जाते हैं, क्योंकि हम गलत राहों को चुन लेते हैं, जिसका एहसास हमें बाद में होता है, और तब तक बहुत देर हो जाती है, इसलिए ध्यान रखें, अगर आपका लक्ष्य दृढ़ है, तो राहें कोई सी

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भ्रामक खबरें: समाज के लिए जहर

29 अक्टूबर 2022
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हम नागरिक समाज का हिस्सा है और समाज हम नागरिक से बना है हमारी गलत और भ्रामक खबर समाज के विकास में बाधा है क्योंकि इससे समाज में अराजकता फैलती है लोगों के मन में बुराई का समावेश होता है, और यह समाज मे

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छठ पूजा : सूर्य उपासना

30 अक्टूबर 2022
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कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाये जाने वाले पर्व  छठ पूजा को बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, नेपाल, पूर्वी उत्तरप्रदेश में भी यह पर्व मनाया जाता है साथ ही इसमें

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राष्ट्रीय एकता दिवस

31 अक्टूबर 2022
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एकता के सूत्र में बांधा रियासतों को कहलाते वो लौह पुरुष भी जिनकी सूझबूझ और समझदारी ने पूरे राष्ट्र को एकता के पवित्र धागों से बांधा उसकी याद में हर साल सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकत

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गुजरात मोरबी पुल दुर्घटना

1 नवम्बर 2022
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क्या प्रशासन जिम्मेदार था या उसको बनाने वाला या वहां पर उपस्थित जनता आखिर कौन जिम्मेदार है उस घटित दुर्घटना के लिए यह सवाल लाखों लोगों की जुबान पर है क्योंकि कहीं न कहीं किसी की तो गलती है..., कहते है

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वैश्विक जलवायु परिवर्तन

5 नवम्बर 2022
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बदलता परिवेश, अंधाधुंध कटाई, कारखानों से निकला धुंआ और वातावरण में फैलता प्रदूषण जलवायु परिवर्तन का अहम कारण है क्योंकि दूषित जल जब भाप बन बादलों में बदलता है तब दूषित वायु परिवेश को धूमिल करती है औ

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कार्तिक पूर्णिमा/ गुरूनानक जयंती

7 नवम्बर 2022
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मानवता और ईश्वर की प्रार्थना का संदेश देने वाले गुरु नानक साहिब सिख धर्म के पहले गुरु माने जाते हैं जिनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को  हुआ था,  कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में म

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निजीकरण पर आपके विचार

8 नवम्बर 2022
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निजीकरण अर्थात स्वयं का...,  वैसे तो सरकारी तौर पर देखा जाए तो मानव का अपनी वस्तु पर अधिकार होता है जिसका वह जब चाहे अपनी इच्छानुसार प्रयोग कर सकता है रहा सवाल कंपनिया बड़े बड़े कारखाने उन पर काम कर

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भ्रष्टाचार : समस्या और निदान

12 नवम्बर 2022
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आपकी ईमानदारी आपका अस्तित्व है आपकी मेहनत आपकी पहचान और आपका व्यवहार आपकी जीवन पूंजी...., आप कमाते हो जिससे आपके परिवार का पालन पोषण होता है पर आप किस प्रकार कमाते हो उससे अनजान आपका परिवार रहता है

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बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
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शायद भागदौड़ भरी जिंदगी में भूल बैठे हम बचपन वो कहानी किस्सों में जिंदा रहने वाला आज बंद किताबों में कैद हो गया वो चेहरे पर खुशी लाने वाली मुस्कुराहट कहीं जिम्मेदारी के बोझ में बंद हो गई..,    सच

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क्षणिक प्रेम

16 नवम्बर 2022
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जीवन का आधार है प्रेम, रिश्तों की बुनियाद है प्रेम, अपनों का साथ है प्रेम, सृष्टि संचार का सच्चा आनंद है प्रेम, प्रेम से बना सृष्टि का कण कण, मानो कहीं धूमिल सा हो गया, अब बस मात्र प्रेम का अस्तित्व

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जादुई दुनिया

17 नवम्बर 2022
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सब कुछ साफ आईने जैसा हो रहा था महसूस, शांत सागर की लहरों भांति वो थी कोई अनोखी दुनिया, पवित्र निर्मल जल की भांति शांतचित पहरेदार खड़े थे, आंखों में चमक उनके चेहरे पर मुस्कराहट लिए, स्वर्ण मोती जेव

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आखिरी इच्छा

18 नवम्बर 2022
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रोशन करूं पापा का नाम अपनी मेहनत से, कुछ करूं ऐसा जो मिशाल बन जाए, बेटियों की किस्मत में खुशियों की बहारें आ जाए, दिलों मैं सबके सम्मान पाएं, पापा का कारोबार में हाथ बटा पाए, क्यों न एक नयी शुरुआत

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2056 की दुनिया

19 नवम्बर 2022
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कुछ अलग रोबोट जैसे इंसान होंगे सारे काम मशीन के जरिए होंगे रिश्तों की कद्र भूले बच्चे आधुनिक परम्पराओं में उलझे होंगे फैशन की होड़ होगी बच्चे कुपोषित होंगे हाई फाई खाने की डिमांड होगी आधुनिक अविष्का

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मेरी कलम से.....।

25 नवम्बर 2022
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बिखरे वालों वाली हाथों में कलम लिए, आंखों में उसके आंसू थे, क्योंकि बिखर गए उसके सारे सपने थे, आसमां की बुलंदियों को छूना चाहती थी, पर अब, हजारों सपने लिए आंखों में, वो बैठी थी, एक आशा में एक अभिला

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अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

25 नवम्बर 2022
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महिलाएं सशक्त और सक्षम है पर हमारी सोच उतनी ही छोटी शायद इसी कारण महिलाओं पर ज़ुल्म का सिलसिला बढ़ता जा रहा है आज हमारी माता बहने घर मौहल्ले कहीं भी सुरक्षित नहीं है जिसका कारण शायद हम स्वयं है क्योंक

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शिक्षा का बाजारीकरण

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जीवन का अनमोल वरदान है शिक्षा ग्रहण करना जिसका महत्व उन लोगों को पता होता है जो अपनी आर्थिक स्थिति या किसी कारण अशिक्षित रह जाते हैं..., क्योंकि शिक्षित व्यक्ति समाज का दर्पण है लेकिन आधुनिक जीवनशैल

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मीडिया की स्वतंत्रता

29 नवम्बर 2022
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आज हमारे सरकार का चौथा स्तंभ मीड़िया अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है छोटी से छोटी बड़ी सी बड़ी खबरों को लोगों तक पहुंचाने के लिए दिन और रात मेहनत करता है आज जहां कोई नहीं पहुंच पाता वहां तक अपने

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सरकार और न्यायपालिका

30 नवम्बर 2022
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सरकार के तीन अंग कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका शरीर के उन्हीं अंगों की भांति है जिसके द्वारा शरीर का संचालन सुचारू रूप से होता है उनके बिना शरीर नश्वर भांति बन जाता है जिस प्रकार बीमारी को दू

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