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एक बीमारी जो कबसे छाई है ✍️👑👑

28 दिसम्बर 2021

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जुल्मों का अंत नहीं इंसान जालिम बना जा रहा है।
क्या हवा चली इस दौर की इंसान हैवानियत दिखाए जा रहा है।।
रोज़ कुछ न कुछ खबर से मन दहलता जा रहा है।
पाप का घड़ा न फुटकर इंसान का बस भरते ही जा रहा है।।

नियति कब तक इन जुल्मों को सहती जाएगी कब फिरसे इंसानों में मर्यादा आएगी।
कब तक दुनिया अपनी बेटी कि आबरू को लुटते देखती जाएगी।।
आज भी सुरक्षित नहीं एक बेटी ये बात समाज को कब समझ में आएगी।
ऐसा न हो की बेटी इन सबसे एक दिन जन्म लेना ही बंद हो जाएगी।।

क्या बितती है उन माँ बाप पर जिनके दिल का टुकड़ा जहाँ से गायब हो जाता है।
चिता की राख में मिलकर दुनिया देखने से पहले ही अलविदा कह जाता है ।।
विकारों को अपने अंदर ज़हर सा दोड़ाते हो किसने हक़ दिया तुमको जो माँ बाप से उसकी औलाद छीन जाते हो।
क्यों हैवान बनकर तुम एक बच्ची की अस्मत से खेल जाते हो।।

एक बीमारी से भी ज्यादा ज़हर तो तुम अपने अंदर पनपाते हो।
बीमारी तो कुछ को मारती तुम तो एक साथ पूरे परिवार को मारकर जाते हो।।
सिर्फ एक भूख विलासा के चक्कर में इंसानियत को भूल को हैवान बन जाते हो।
देवों की दुनिया को पाप की नगरी बनाते हो।।

जवान हो बूढ़े हो ज़माने की कितनी घिनौनी सच्चाई है ।
तुम कुछ लोगों के कारण पूरी मानव जात गलत कहलाई है।
विश्वास में विष घोलकर ये कैसी पहचान बनाई है।
इस आधुनिक दौर में भी औरत कितने दर्द से घिरी पाई है।।

अब तो न लोग क़ानून को समझ रहे न उसके मान को बचा पा रहे।
अंधी बनाकर क़ानून की देवी को उसकी आँख में धूल झोंकते जा रहे।।
किससे आश करें की जमाना सुधरेगा यहाँ कुछ लोगों ने बुढ़ापे से अपनी शक्ल छुपाई है।
टीनएजर तो ऐसे ही बदनाम हो गए यहाँ तो बूढ़ो को भी जवानी आई है।।

माफ़ी चाहती हूँ मेरे बड़े तो बहुत सभ्य है मैं आज भी उनका दिल से सम्मान करती हूँ।
पर जो गलत है उनको सम्मान देना अपने उसूलों के खिलाफ समझती हूँ।।
अब तो सबको एक होना होगा समाज में फैली इस कीचड़ को हम्म सबको धोना होगा।
वक़्त लगेगा पर अब आगे बढ़कर पहल हमें ही करना होगा।।

एक बीमारी जो हर ओर छाई है इसका मिलकर सफाया करना होगा।
माँ बापू कहती है हर देश की बेटी भाइयों अगर चाहिए बहन की राखी कि डोर तो आप सबको आगे बढ़ना होगा।।
अब स्वभिनाम हम्म तुम्हारा है भाई लहू का रंग एक है अब इसे साबित करना होगा।
तुम्हारी कलाई पर बँधी राखी का वास्ता अब बहन के सम्मान के लिए तुमको लड़ना होगा।।

इस समाज में फैली बीमारी का सफाया अब तुमको ही करना होगा........ गुहार है एक बहन कि गुहार है एक बेटी कि अब समाज को सुधरना होगा ..... इस बीमारी को खत्म करना होगा।।🙏🙏🙏

धन्यवाद......✍️✍️👑

       ❤️Written by Madhuri Raghuwanshi❤️



Meenakshi Suryavanshi

Meenakshi Suryavanshi

Bhut sundr 👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽

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