बिस्मिलाह के साथ
अपने रब से दोस्ती करो बिस्मिल्लाह के साथ
भटकती राहों में क्या रखा है
अपनी हालात को रखा करो और दुआ करो रब के बारगाह में बिस्मिल्लाह के साथ
दिखावे करने में क्या रखा है
अपनी हर स्थिति का बया करो ईश्वर को विश्वास के साथ
हालात में किया रखा है
सीरत अपनी लाजवाब रखा करो बिस्मिल्लाह के साथ
बड़ी मुश्किल से नीचे तक बैठते हैं हम अपने अरमानों के साथ दुनिया में क्या रखा है
सर के साथ अपने मन को भी को झुकाओ बिस्मिलाह के साथ
ईश्वर अवश्य देंगे साथ तुम्हारा बस मेहनत करो बिस्मिलाह के साथ आलसीपन में क्या रखा है
सक्सेस जरूर मिलेगी हारने में क्या रखा है
उठकर फिर से कर शुरू बिस्मिलाह के साथ
खुदा से अच्छा हमे कोई नहीं जानता मानिए यकीन के साथ अपने आप को ढूंढिए दूसरो में क्या रखा है
अच्छे कर्म कीजिए आपका फल रखा है बिस्मिल्लाह के
साथ .
आज कल हम सभी इतना व्यस्त हो रहे है की खुद को ही उलझा रखा है
बैचेन हो तो खुद को अपनाओ शांति के साथ
गुस्से और चिर चिरे पन में क्या रखा है
मुस्कुरा लिया करो बिस्मिलाह के साथ
हमे ही लौटना है रब को अपनी इबादत के साथ
इजाजत नहीं देता है खुदा किसी को बुरा कहने का खुदा
ने कुरआन में बता रखा है बिस्मिल्लाह के साथ.......
Written by-Hasina