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बुरा क्यों मानते हो

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आँसुओं के भी दामलब्ज़ खुद ही बयान होते हैं,आँसुओं के भी दाम होते हैंIपंछी, रोको तो दौड़ते बादलों को, व्योम में कहाँ विराम होते हैं I चाँद तारों की दोस्ती रात भर, जुगनुओं के तो नाम होते है Iदुपहरी धूप, जिश्म की जलन, जैसे वर्षों की थकान होते हैं Iअर्श पर चाँदनी,त्रण पर म

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