जगा कर तो देख....
सोई हुई कुमुदिनी को जगा कर तोदेख,वो जाग जाये, पहले हाथ लगा कर तोदेख,थक गई है सीपी, तपती रेत मेंबहुत,एक लम्हा हथेली पर, उठा कर तोदेख,ये मुहब्बत है समुन्दर, आँसूज्वार-भाटे,बहती हुई रेत है, नाम लिखा कर तोदेख,शमां कि हँसते-हँसते मिटा देतीहै वजूद ,इस पतंगे को मुहब्बत सिखा कर तोदेख...जिस्म कहता उठूँ ,तो द