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चौरासी 84

सत्य व्यास

3 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
7 पाठक
4 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9789387464254

‘चौरासी’ नामक यह उपन्यास सन 1984 के सिख दंगों से प्रभावित एक प्रेम कहानी है। यह कथा नायक ऋषि के एक सिख परिवार को दंगों से बचाते हुए स्वयं दंगाई हो जाने की कहानी है। यह अमानवीय मूल्यों पर मानवीय मूल्यों के विजय की कहानी है। यह टूटती परिस्थियों मे भी प्रेम के जीवित रहने की कहानी है। यह उस शहर की व्यथा भी है जो दंगों के कारण विस्थापन का दर्द सीने में लिए रहती है। यह वक़्त का एक दस्तावेज़ है। 

cauraasii 84

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अच्छी रचना है हो सके तो मेरी रचना पढ़े और अगर हो सके तो मेरी बुक पर रिव्यु दीजिये मेरी नयी रचना का नाम है वीराना https://hindi.shabd.in/books/10086417


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1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी के निधन के पश्चात हुए दंगों का विवरण हमें इस पुस्तक में देखने को मिलता है। किस प्रकार अपने ही पड़ोसी और जान पहचान के लोग हमारे विरुद्ध खड़े होने पर उतारू हो गए, ये देखने को मिलता है। सिखों पर ढाए कहर का मर्मस्पर्शी विवरण पढ़कर हम भीतर तक सिहर उठते हैं।


"चौरासी 84" एक उत्कृष्ट उपन्यास है जिसमें सत्य व्यास ने अद्वितीय कथानकी कला के माध्यम से सामाजिक विचारों को सुन्दरता से प्रस्तुत किया है।

वीडियो सारांश

पुस्तक की झलकियां

1

दुखवा सुनावे नगरिया सखी री

20 अप्रैल 2023
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कहानियों को गंभीर और अलग बनाने के बहुत सारे तरीक़े हो सकते हैं। एक तरीक़ा तो यह है कि कहानी कहीं बीच के अध्याय से शुरू कर दी जाए। आप आठवें-नवें पन्ने पर जाएँ तो आपको कहानी का सूत्र मिले। आप विशद पाठक

2

सखी री ! पिया दिखे कल भोर

20 अप्रैल 2023
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शहर नया बसा था। शहर जो आदिवासियों को विस्थापित कर बसा था और इसीलिए विस्थापितों की 'आह' लिए बसा था। शहर जो पहले प्र- धानमंत्री के सपनों का भारत बना रहा था और इसलिए लोहे उगाते हुए किसानों को नौकरी करना

3

सखी री, पियु नहीं जानत प्रेम

20 अप्रैल 2023
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सुबह का वक़्त ऋषि के बाहर निकल जाने का होता था। वह सुबह-सुबह ही अपनी मोटरसाइकिल से निकल जाता था और लगातार के तीन- चार ट्यूशन ख़त्म कर क़रीब बारह बजे कमरे पर आता था। यह उसका रोज़ का ही नियम था जो इतवार

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