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दुखवा सुनावे नगरिया सखी री

20 अप्रैल 2023

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हिंद युग्म Hind Yugm की अन्य किताबें

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रचनाएँ
चौरासी 84
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‘चौरासी’ नामक यह उपन्यास सन 1984 के सिख दंगों से प्रभावित एक प्रेम कहानी है। यह कथा नायक ऋषि के एक सिख परिवार को दंगों से बचाते हुए स्वयं दंगाई हो जाने की कहानी है। यह अमानवीय मूल्यों पर मानवीय मूल्यों के विजय की कहानी है। यह टूटती परिस्थियों मे भी प्रेम के जीवित रहने की कहानी है। यह उस शहर की व्यथा भी है जो दंगों के कारण विस्थापन का दर्द सीने में लिए रहती है। यह वक़्त का एक दस्तावेज़ है।
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दुखवा सुनावे नगरिया सखी री

20 अप्रैल 2023
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कहानियों को गंभीर और अलग बनाने के बहुत सारे तरीक़े हो सकते हैं। एक तरीक़ा तो यह है कि कहानी कहीं बीच के अध्याय से शुरू कर दी जाए। आप आठवें-नवें पन्ने पर जाएँ तो आपको कहानी का सूत्र मिले। आप विशद पाठक

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सखी री ! पिया दिखे कल भोर

20 अप्रैल 2023
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शहर नया बसा था। शहर जो आदिवासियों को विस्थापित कर बसा था और इसीलिए विस्थापितों की 'आह' लिए बसा था। शहर जो पहले प्र- धानमंत्री के सपनों का भारत बना रहा था और इसलिए लोहे उगाते हुए किसानों को नौकरी करना

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सखी री, पियु नहीं जानत प्रेम

20 अप्रैल 2023
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सुबह का वक़्त ऋषि के बाहर निकल जाने का होता था। वह सुबह-सुबह ही अपनी मोटरसाइकिल से निकल जाता था और लगातार के तीन- चार ट्यूशन ख़त्म कर क़रीब बारह बजे कमरे पर आता था। यह उसका रोज़ का ही नियम था जो इतवार

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