19 अगस्त 2018
कुछ भी नहीं बदला है कल में और आज में ,कसक मौजूद है अब भी ,अपनी आवाज में .कुछ लम्हे यादों में क़ैद हैं लेकिन ये मुस्तैद हैं ,कुछ एक को हो गया है यकीन गहरे राज में अपनापन