देवकी नंदन 'शांत'
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"मुझको न छू न ख़ाक समझकर मुझे उड़ा मैं देखने में 'शांत' सही हूँ तो इक शरर "
मेरे ख्वाबों में ग़ज़ल
31 मार्च 2015
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मैं चलता ही चला जाऊंगा
30 मार्च 2015
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बस यही डर है
30 मार्च 2015
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तेरे बग़ैर
30 मार्च 2015
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वही बात पुरानी
30 मार्च 2015
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एक दीया जला दिया
30 मार्च 2015
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तस्वीर नहेीं बोलेगी
26 मार्च 2015
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कौन हूँ मैं
26 मार्च 2015
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उम्र भर पूजा था जिसको
26 मार्च 2015
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आदमी होके भी
26 मार्च 2015
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