श्री मोदी ने कहा, “अगर हम धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करना चाहते हैं तो मैं यह बताना चाहता हूं कि हम सिर्फ संविधान में एक शब्द जोड़ने से धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। हमारा भरोसा सर्व पंथ समभाव में रहा है। हमारा विश्वाेस रहा है कि ‘सत्य सिर्फ एक है, इस तक पहुंचने के रास्ते कई हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जो सबके बारे में सोचता है। हमने कभी भी तलवार से किसी अन्य संस्कृति पर हमला नहीं किया है। इस तरह की विस्तारवादी मानसिकता हमारे खून में नहीं है। हम धर्मनिरपेक्षता के बारे में ऐसे भाषण बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
कास में अपने अटूट भरोसे को दोहराते हुए श्री मोदी ने कहा, “हम सर्व पंथ समभाव की बात राजनीति से प्रेरित होकर नहीं करते बल्कि भारत माता से प्याार की वजह से करते हैं। हम इस रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। हम डा. अब्दुल्ला जैसों के बयानों से नहीं डिगेंगे।”