मैंने अपनी बहुत कह ली
तुमने अपनी बहुत कह ली
अपनी-अपनी खूब कह ली
हल तो कुछ निकला नहीं
मैंने अपना दिमाग खूब चलाया
तुमने भी बहुत चालाकियाँ की
बात तो बिगड़ती ही चली गई
और हल कुछ निकला नहीं
चलो, आज कुछ ऐसा करते हैं
दो पल सिर्फ दिल की सुनते
दिमाग चाहे कितना भी रोके
दो पल सिर्फ दिल की सुनते हैं
कुछ सोचने से पहले खूब सोचा
कि इस बारे में लोग क्या सोचेंगे
कुछ करने के पहले भी सोचा
इसपर दुनियावाले क्या कहेंगे