### अध्याय 2: दोस्ती की शुरुआत
**स्थान:** प्रयागराज का गंगा घाट और कोचिंग सेंटर
(अध्याय की शुरुआत एक हल्के और हर्षोल्लास भरे माहौल से होती है। आदित्य और आलिया की दोस्ती धीरे-धीरे गहराने लगी है। दोनों अब नियमित रूप से कोचिंग के बाद गंगा घाट पर मिलते हैं।)
**गंगा घाट पर**
आलिया: "आदित्य, देखो! गंगा घाट पर आज कितनी रौनक है। मुझे यहाँ आना बहुत पसंद है।"
आदित्य: "हां, सच में। गंगा की यह शांत लहरें मन को शांति देती हैं। और तुमसे बातें करना तो और भी अच्छा लगता है।"
आलिया: "तुम सच में बहुत अच्छे हो, आदित्य। मुझे तुम्हारे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है।"
(दोनों हंसते हुए गंगा घाट के किनारे बैठते हैं। अचानक, आदित्य की नजर एक बुजुर्ग महिला पर पड़ती है, जो गंगा में कुछ फूल प्रवाहित कर रही होती है।)
आदित्य: "आलिया, देखो! वह बुजुर्ग महिला कितनी श्रद्धा से गंगा में फूल चढ़ा रही है। यह भारतीय संस्कृति की खूबसूरती है।"
आलिया: "सच में, आदित्य। मुझे भी यह सब बहुत पसंद है। यहां के लोग और उनकी श्रद्धा देखकर दिल खुश हो जाता है।"
(दोनों थोड़ी देर चुपचाप गंगा की लहरों को निहारते हैं।)
आलिया: "आदित्य, तुम्हारा कोई पसंदीदा गाना है?"
आदित्य: "हां, मुझे एक गाना बहुत पसंद है - 'तुम ही हो'। यह गाना मेरे दिल के बहुत करीब है।"
आलिया: "मुझे भी यह गाना बहुत पसंद है। इस गाने में एक खास एहसास है।"
(दोनों गुनगुनाते हुए 'तुम ही हो' गाना गाते हैं और एक-दूसरे की आंखों में खो जाते हैं।)
**कोचिंग सेंटर में**
(अगले दिन, कोचिंग सेंटर में दोनों पढ़ाई में व्यस्त होते हैं। लेकिन उनकी दोस्ती की गर्माहट और हंसी-मजाक का सिलसिला जारी रहता है।)
आलिया: "आदित्य, कल का होमवर्क कितना मुश्किल था ना?"
आदित्य: "हां, लेकिन तुम्हारे साथ मिलकर करना आसान हो गया।"
आलिया: "तुम्हें पता है, तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो गए हो।"
आदित्य: "तुम भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो, आलिया।"
(दोनों हंसते हुए होमवर्क की मुश्किलें हल करते हैं और साथ में चाय पीने के लिए कोचिंग सेंटर के पास वाले ढाबे पर जाते हैं।)
**ढाबे पर**
आलिया: "आदित्य, तुम्हें याद है जब हम पहली बार मिले थे?"
आदित्य: "हां, बिल्कुल याद है। तुमने मुझसे कोचिंग सेंटर का रास्ता पूछा था।"
आलिया: "हां, और तब से हमारी दोस्ती की शुरुआत हुई।"
(दोनों एक-दूसरे की आंखों में देखते हैं और मुस्कुराते हैं।)
**रात को**
(आदित्य और आलिया अपने-अपने कमरों में होते हैं।)
आदित्य: (मन ही मन) "आलिया कितनी समझदार और प्यारी है। उसकी हंसी मेरे दिल को सुकून देती है।"
आलिया: (मन ही मन) "आदित्य कितना मददगार और सच्चा है। उसके साथ रहकर मुझे हमेशा खुशी मिलती है।"
(दोनों के दिलों में एक-दूसरे के लिए खास जगह बनने लगी है। दोस्ती का यह सफर अब प्रेम की ओर बढ़ने वाला है।)
इस प्रकार, आदित्य और आलिया की दोस्ती का सिलसिला चलता रहता है। उनकी बातचीत और मुलाकातें उन्हें और करीब लाने लगती हैं। अब देखते हैं कि यह दोस्ती किस दिशा में आगे बढ़ती है।