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प्रयाग की तैयारी

7 अगस्त 2024

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### अध्याय 1: प्रयाग की तैयारी

**स्थान:** प्रयागराज का एक पुराना मोहल्ला, जिसमें आधुनिकता और प्राचीनता का अद्भुत संगम है।

आदित्य: (मन ही मन) "कितना सुंदर शहर है यह प्रयागराज! गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम का यह स्थान सच में अद्वितीय है। यहां आकर तो लगता है जैसे जीवन को एक नई दिशा मिल गई हो।"

(आदित्य अपने कमरे में किताबें सजा रहा होता है। तभी बाहर से आवाज आती है।)

आलिया: "भाई, यहां कोचिंग क्लासेज किस दिशा में है?"

आदित्य: (आवाज की ओर मुड़कर देखता है) "कोचिंग क्लासेज? हां, यहीं पास में ही है। मैं भी वहीं जा रहा हूं। चलो, मैं तुम्हें दिखा देता हूं।"

आलिया: "धन्यवाद! वैसे, मैं आलिया हूं। नयी आई हूं प्रयागराज में।"

आदित्य: "मैं आदित्य हूं। यहां पढ़ाई के लिए आया हूं। चलो, रास्ते में बातें करते हैं।"

(दोनों साथ चलने लगते हैं।)

आलिया: "प्रयागराज सच में बहुत खूबसूरत है। यहां का माहौल मुझे बहुत पसंद आया।"

आदित्य: "हां, यहां का वातावरण बहुत शांत और प्रेरणादायक है। पढ़ाई के लिए यह जगह बेहतरीन है।"

(दोनों कोचिंग सेंटर पहुंचते हैं और वहां की कक्षाओं में शामिल हो जाते हैं। समय बीतता है और दोनों के बीच दोस्ती का बीज पनपने लगता है।)

**कुछ दिन बाद...**

(आदित्य और आलिया कोचिंग के बाद गंगा घाट पर बैठे हैं।)

आदित्य: "आलिया, तुम कहां से हो?"

आलिया: "मैं लखनऊ से हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे यहां पढ़ाई के लिए भेजा है। और तुम?"

आदित्य: "मैं बनारस से हूं। मेरे माता-पिता ने भी मुझे यहां भेजा है ताकि मैं अच्छी तैयारी कर सकूं।"

आलिया: "तुम्हें प्रयागराज में सबसे अच्छा क्या लगता है?"

आदित्य: "यहां का संगम और यहां के लोग। हर कोई मिलनसार है। और तुम्हें?"

आलिया: "मुझे यहां का वातावरण बहुत पसंद है। और सबसे अच्छा लगता है, यहां के हिंदू त्यौहार।"

आदित्य: "वाकई? यह तो बहुत अच्छी बात है।"

(दोनों हंसते हुए बात करते हैं और दिन यूं ही गुजरता है।)

**रात को...**

आदित्य: (मन ही मन) "आलिया कितनी अलग है। उसकी सोच, उसका अंदाज, सब कुछ अलग है।"

आलिया: (अपने कमरे में) "आदित्य कितना सरल और सच्चा है। उसकी बातों में एक ईमानदारी है जो दिल को छू जाती है।"

(दोनों अपने-अपने विचारों में खो जाते हैं और धीरे-धीरे उनके दिलों में एक दूसरे के लिए खास जगह बनने लगती है।)

इस प्रकार, आदित्य और आलिया की मुलाकातों का सिलसिला शुरू होता है। उनकी बातचीत में गहराई आती है और उनके बीच एक अनोखी दोस्ती पनपने लगती है। यह दोस्ती ही उनके जीवन की कहानी को एक नई दिशा देने वाली है।

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### प्रस्तावना प्रेम एक ऐसा अनमोल अहसास है जो इंसान के जीवन को संपूर्णता प्रदान करता है। यह कहानी भी ऐसे ही दो अनजाने दिलों की है, जिनकी मुलाकात संयोगवश प्रयागराज में होती है। यह कहानी एक हिंदू लड़के और मुस्लिम लड़की की है, जो पारंपरिक मान्यताओं से परे जाकर अपने प्रेम को जीते हैं। प्रयागराज की पावन भूमि पर पढ़ाई के लिए आए आदित्य और आलिया की कहानी किसी साधारण प्रेम कथा से अलग है। आदित्य, एक साधारण हिंदू परिवार से आता है, जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयागराज का रुख किया है। वहीं आलिया, एक मुस्लिम परिवार की लड़की है, जो अपने विचारों में स्वतंत्रता और आधुनिकता का संगम है। उसे हिंदू त्योहारों से प्रेम है और वह बुर्का व हिजाब को अपनी आजादी पर पाबंदी मानती है। यह उपन्यास एक ऐसे प्रेम की गाथा है, जो समाज के बंधनों और पारंपरिक सोच को चुनौती देता है। इस प्रेम कहानी में आधुनिक गानों का सम्मिलन इसे और भी जीवंत बनाता है, जो इन दोनों के बीच के भावनात्मक जुड़ाव को और गहराई से दर्शाता है। आदित्य और आलिया की यह यात्रा केवल प्रेम की नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण, संघर्ष और परोपकार की भी है। उनके जीवन में आए उतार-चढ़ाव, बिछड़ने का दर्द, और समाज सेवा की प्रेरणा ने उनकी कहानी को अनमोल बना दिया है। यह उपन्यास एक ऐसी प्रेम कथा है जो दिल को छू जाती है और पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि सच्चा प्रेम क्या होता है। इस उपन्यास में, हमने कोशिश की है कि प्रेम के हर पहलू को सजीव किया जाए, चाहे वह त्यौहारों की खुशियां हों, बिछड़ने का दर्द हो, या फिर समाज सेवा का संकल्प। यह कहानी आपको प्रेम की वास्तविकता से रूबरू कराएगी और एक अनमोल प्रेम का अहसास दिलाएगी। आइए, इस अनमोल प्रेम यात्रा की शुरुआत करते हैं और जानते हैं आदित्य और आलिया की अद्भुत प्रेम कथा को, जो समाज की बंदिशों को तोड़कर अपने प्रेम को अमर बना देती है।
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