shabd-logo

त्योहार

7 अगस्त 2024

10 बार देखा गया 10

### अध्याय 4: त्यौहारों की रौनक

**स्थान:** प्रयागराज की गलियाँ, आदित्य का किराए का घर, गंगा घाट

**समय:** कुछ दिन बाद

प्रयागराज में त्यौहारों का मौसम आ चुका था। हर गली, हर नुक्कड़ पर खुशियों का माहौल था। शहर में एक नया जोश और उमंग था, और इस माहौल में आदित्य और आलिया का प्रेम भी नए रंग भर रहा था।

**आदित्य का किराए का घर**

(आदित्य अपने कमरे में रंगोली बना रहा होता है।)

आदित्य: "आलिया, देखो! यह रंगोली कैसी लग रही है?"

आलिया: "बहुत सुंदर, आदित्य। तुम्हारे हाथों में सच में जादू है।"

आदित्य: "धन्यवाद! तुम भी आओ, इसमें कुछ रंग भरो।"

(आलिया भी रंगोली में रंग भरने लगती है। दोनों मिलकर रंगोली बनाते हैं और हंसते-खिलखिलाते हैं।)

आलिया: "आदित्य, मुझे यहां का दीपावली बहुत पसंद है। चारों ओर रोशनी और खुशियों का माहौल होता है।"

आदित्य: "हां, मुझे भी दीपावली बहुत पसंद है। और तुम्हारे साथ इसे मनाना तो और भी खास हो गया है।"

**गंगा घाट पर दीपदान**

(शाम को आदित्य और आलिया गंगा घाट पर दीपदान के लिए जाते हैं। वहां की रौनक देखते ही बनती है।)

आलिया: "आदित्य, यह सब कितना सुंदर है! गंगा की लहरों पर तैरते हुए दीपक बहुत मनमोहक लग रहे हैं।"

आदित्य: "हां, आलिया। यह नजारा सच में अद्वितीय है। और तुम्हारे साथ इसे देखना मेरे लिए किसी सपने जैसा है।"

(दोनों दीपक जलाते हैं और गंगा में प्रवाहित करते हैं। आदित्य आलिया का हाथ थामता है और दोनों एक-दूसरे की आंखों में देखते हैं।)

आलिया: "आदित्य, तुम्हारे साथ बिताए ये पल मेरे जीवन के सबसे खूबसूरत पल हैं।"

आदित्य: "मेरे लिए भी, आलिया। तुम्हारे बिना यह सब अधूरा है।"

**आदित्य का घर**

(रात को आदित्य और आलिया आदित्य के घर पर लौटते हैं। वहां दीयों की रौशनी में घर जगमगा रहा होता है।)

आलिया: "आदित्य, तुमने कितनी खूबसूरती से घर सजाया है।"

आदित्य: "यह सब तुम्हारे साथ के बिना संभव नहीं था, आलिया।"

(दोनों घर के आंगन में बैठते हैं और कुछ देर बातें करते हैं।)

आलिया: "आदित्य, क्या तुम्हें कभी डर लगता है कि हम दोनों के बीच यह सब समाज स्वीकार नहीं करेगा?"

आदित्य: "मुझे डर लगता है, लेकिन तुम्हारे साथ होने का साहस भी है। हम अपने प्यार को किसी भी बंधन में बांधने नहीं देंगे।"

आलिया: "तुम्हारी यही बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, आदित्य। तुम हमेशा सच्चाई और साहस के साथ खड़े रहते हो।"

**गली का त्यौहार**

(अगले दिन गली में रंग-बिरंगी लाइटें और सजावट के साथ त्यौहार मनाया जा रहा होता है। आदित्य और आलिया भी इसमें शामिल होते हैं।)

आलिया: "आदित्य, यहां का माहौल कितना खुशनुमा है। हर कोई कितना खुश है।"

आदित्य: "हां, आलिया। यही तो हमारी भारतीय संस्कृति की खासियत है। त्यौहारों में सब एक हो जाते हैं।"

(दोनों मिठाई खाते हैं और बच्चों के साथ पटाखे जलाते हैं। आलिया के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ जाती है।)

आलिया: "आदित्य, मुझे ये सब बहुत पसंद है। मैं चाहती हूं कि हमारी ज़िंदगी भी इसी तरह खुशियों से भरी हो।"

आदित्य: "तुम्हारे साथ, आलिया, मेरी ज़िंदगी हमेशा खुशियों से भरी रहेगी।"

**बुर्का और हिजाब के प्रति आलिया के विचार**

(एक दिन, आलिया आदित्य के सामने अपने विचार व्यक्त करती है।)

आलिया: "आदित्य, क्या तुम्हें पता है कि मुझे बुर्का और हिजाब क्यों पसंद नहीं है?"

आदित्य: "नहीं, आलिया। बताओ, क्यों?"

आलिया: "मुझे लगता है कि ये सिर्फ पहनावे नहीं हैं, बल्कि हमारी आजादी पर पाबंदी हैं। मैं एक स्वतंत्र महिला हूं और मुझे अपनी आजादी से प्रेम है।"

आदित्य: "तुम्हारी बात सही है, आलिया। तुम्हें वही करना चाहिए जो तुम्हारे दिल को अच्छा लगे।"

आलिया: "धन्यवाद, आदित्य। तुम्हारा समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है।"

**प्रेम की नई ऊंचाइयां**

(त्यौहारों के इस मौसम में, आदित्य और आलिया का प्रेम और भी गहरा होता जाता है। उनके बीच की समझ और आत्मीयता बढ़ती जा रही है।)

आदित्य: "आलिया, मुझे यकीन नहीं होता कि हमने इतना सफर तय कर लिया है।"

आलिया: "मुझे भी नहीं, आदित्य। लेकिन तुम्हारे साथ यह सफर बहुत सुंदर है।"

(दोनों एक-दूसरे के साथ और भी समय बिताते हैं। उनके बीच का प्रेम अब एक अटूट बंधन में बदल चुका है।)

**एक शाम, गंगा घाट पर**

(दोनों गंगा घाट पर सूर्यास्त देख रहे होते हैं।)

आलिया: "आदित्य, यह सब कुछ कितनी जल्दी बदल गया है। हमें एक-दूसरे से मिले कुछ ही समय हुआ है, लेकिन ऐसा लगता है कि सदियों से एक-दूसरे को जानते हैं।"

आदित्य: "हां, आलिया। यह प्रेम की ही ताकत है।"

(दोनों एक-दूसरे का हाथ थामते हैं और एक-दूसरे की आंखों में देखते हैं। उनकी आंखों में एक नई चमक और दिल में एक नई उम्मीद होती है।)

**आलिया का सवाल**

आलिया: "आदित्य, क्या तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे? चाहे जो भी हो जाए?"

आदित्य: "हां, आलिया। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। तुम्हारा साथ मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।"

आलिया: "तुम्हारे बिना मैं भी अधूरी हूं, आदित्य।"

(दोनों एक-दूसरे को गले लगाते हैं और उनके बीच का बंधन और भी मजबूत हो जाता है।)

इस प्रकार, त्यौहारों की रौनक और गंगा घाट की शांति में आदित्य और आलिया का प्रेम अपने नए ऊंचाइयों को छूने लगता है। उनके बीच की यह प्रेम कहानी अब और भी गहरी होती जा रही है। देखते हैं कि यह प्रेम कहानी आगे क्या मोड़ लेती है।

20
रचनाएँ
प्रेम प्रयाग
5.0
### प्रस्तावना प्रेम एक ऐसा अनमोल अहसास है जो इंसान के जीवन को संपूर्णता प्रदान करता है। यह कहानी भी ऐसे ही दो अनजाने दिलों की है, जिनकी मुलाकात संयोगवश प्रयागराज में होती है। यह कहानी एक हिंदू लड़के और मुस्लिम लड़की की है, जो पारंपरिक मान्यताओं से परे जाकर अपने प्रेम को जीते हैं। प्रयागराज की पावन भूमि पर पढ़ाई के लिए आए आदित्य और आलिया की कहानी किसी साधारण प्रेम कथा से अलग है। आदित्य, एक साधारण हिंदू परिवार से आता है, जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयागराज का रुख किया है। वहीं आलिया, एक मुस्लिम परिवार की लड़की है, जो अपने विचारों में स्वतंत्रता और आधुनिकता का संगम है। उसे हिंदू त्योहारों से प्रेम है और वह बुर्का व हिजाब को अपनी आजादी पर पाबंदी मानती है। यह उपन्यास एक ऐसे प्रेम की गाथा है, जो समाज के बंधनों और पारंपरिक सोच को चुनौती देता है। इस प्रेम कहानी में आधुनिक गानों का सम्मिलन इसे और भी जीवंत बनाता है, जो इन दोनों के बीच के भावनात्मक जुड़ाव को और गहराई से दर्शाता है। आदित्य और आलिया की यह यात्रा केवल प्रेम की नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण, संघर्ष और परोपकार की भी है। उनके जीवन में आए उतार-चढ़ाव, बिछड़ने का दर्द, और समाज सेवा की प्रेरणा ने उनकी कहानी को अनमोल बना दिया है। यह उपन्यास एक ऐसी प्रेम कथा है जो दिल को छू जाती है और पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि सच्चा प्रेम क्या होता है। इस उपन्यास में, हमने कोशिश की है कि प्रेम के हर पहलू को सजीव किया जाए, चाहे वह त्यौहारों की खुशियां हों, बिछड़ने का दर्द हो, या फिर समाज सेवा का संकल्प। यह कहानी आपको प्रेम की वास्तविकता से रूबरू कराएगी और एक अनमोल प्रेम का अहसास दिलाएगी। आइए, इस अनमोल प्रेम यात्रा की शुरुआत करते हैं और जानते हैं आदित्य और आलिया की अद्भुत प्रेम कथा को, जो समाज की बंदिशों को तोड़कर अपने प्रेम को अमर बना देती है।
1

प्रयाग की तैयारी

7 अगस्त 2024
4
1
0

### अध्याय 1: प्रयाग की तैयारी **स्थान:** प्रयागराज का एक पुराना मोहल्ला, जिसमें आधुनिकता और प्राचीनता का अद्भुत संगम है। आदित्य: (मन ही मन) "कितना सुंदर शहर है यह प्रयागराज! गंगा, यमुना और सरस

2

दोस्ती

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 2: दोस्ती की शुरुआत **स्थान:** प्रयागराज का गंगा घाट और कोचिंग सेंटर (अध्याय की शुरुआत एक हल्के और हर्षोल्लास भरे माहौल से होती है। आदित्य और आलिया की दोस्ती धीरे-धीरे गहराने लगी है।

3

बढ़ते कदम

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 3: प्रेम की ओर बढ़ते कदम **स्थान:** प्रयागराज की गलियाँ, गंगा घाट, और कोचिंग सेंटर **समय:** कुछ हफ्ते बाद (आदित्य और आलिया की दोस्ती अब एक मजबूत बंधन में बदल गई है। दोनों के बीच एक

4

त्योहार

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 4: त्यौहारों की रौनक **स्थान:** प्रयागराज की गलियाँ, आदित्य का किराए का घर, गंगा घाट **समय:** कुछ दिन बाद प्रयागराज में त्यौहारों का मौसम आ चुका था। हर गली, हर नुक्कड़ पर खुशियों क

5

मुश्किल

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 5: मुश्किलों का सामना **स्थान:** प्रयागराज, आदित्य और आलिया के घर **समय:** कुछ महीने बाद आदित्य और आलिया के बीच का प्रेम अपने चरम पर था। दोनों ने अपने-अपने परिवारों को एक-दूसरे के

6

समाज

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 6: समाज का दबाव **स्थान:** प्रयागराज, आदित्य और आलिया के घर, प्रयागराज का मुख्य बाजार **समय:** कुछ महीने बाद समाज का दबाव बढ़ता ही जा रहा था। आदित्य और आलिया को कई तरह की समस्याओं

7

टकराव

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 7: परिवारों का टकराव **स्थान:** प्रयागराज, आदित्य और आलिया के घर **समय:** कुछ हफ्ते बाद आदित्य और आलिया के रिश्ते को लेकर दोनों परिवारों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा था। समाज का दबा

8

मोड

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 8: जीवन के नए मोड़ *स्थान:* प्रयागराज, आदित्य और आलिया का प्रिय जगह, गंगा घाट *समय:* कुछ महीने बाद समाज और परिवार के विरोध के बावजूद, आदित्य और आलिया ने अपने प्रेम को बरकरार रखा। द

9

प्रयाग

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 9: जीवन की नयी राहें *स्थान:* प्रयागराज और आसपास के क्षेत्र *समय:* कुछ महीने बाद आदित्य और आलिया के जीवन में बदलाव आ चुका था। आदित्य ने समाज सेवा और परोपकार के कार्यों को अपने जीवन

10

संघर्ष

7 अगस्त 2024
1
0
0

# अध्याय 10: नए संघर्ष और सपनों की प्राप्ति *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के आसपास *समय:* कुछ महीनों बाद आदित्य और आलिया दोनों ने अपने-अपने जीवन को नए तरीके से जीने का प्रयास किया। आदित्य की समा

11

समय

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 11: बदलते समय की चुनौतियाँ *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के आसपास *समय:* कुछ महीने बाद आदित्य और आलिया के जीवन में अब तक कई उतार-चढ़ाव आए हैं। आदित्य की समाज सेवा और शिक्षा के कार्य स

12

अंतर्द्वंद्व

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 12: अंतर्द्वंद्व और नई राहें *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के आसपास *समय:* कुछ महीने बाद आदित्य और आलिया की ज़िंदगी में अब तक कई घटनाएँ घट चुकी हैं। आदित्य की तबीयत में सुधार हुआ है,

13

त्याग

7 अगस्त 2024
1
0
0

## अध्याय 13: प्रेम और त्याग का अंत *स्थान:* प्रयागराज और आलिया का घर *समय:* शादी के कुछ महीने बाद आदित्य और आलिया की ज़िंदगी में कई बदलाव आ चुके हैं। आदित्य ने समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कार्

14

जीवन

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 14: जीवन की राहों पर संघर्ष *स्थान:* प्रयागराज और आदित्य का समाज सेवा केंद्र *समय:* आलिया की शादी के लगभग एक साल बाद आदित्य और आलिया की ज़िंदगी में बहुत कुछ बदल चुका है। आदित्य ने

15

भविष्य

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 15: भविष्य की दिशा *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के आसपास *समय:* आलिया की शादी के लगभग एक साल बाद आदित्य और आलिया की जिंदगी में अब कई बदलाव आ चुके हैं। आदित्य ने अपनी समाज सेवा की दिश

16

शुरुआत

7 अगस्त 2024
1
0
0

## अध्याय 16: एक नई शुरुआत *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के पास का स्कूल *समय:* आलिया की शादी के लगभग दो साल बाद आदित्य और आलिया की ज़िंदगी में अब कई नए बदलाव आए हैं। उनकी समाज सेवा की गतिविधिया

17

चुनौती

7 अगस्त 2024
1
0
0

## अध्याय 17: एक नई चुनौती *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के आसपास *समय:* आलिया की शादी के लगभग दो साल बाद आदित्य और आलिया की ज़िंदगी में समाज सेवा के माध्यम से कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। उनके प्

18

सच्चाई

7 अगस्त 2024
1
0
0

## अध्याय 18: समय की सच्चाई *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के पास *समय:* आदित्य और आलिया की समाज सेवा के प्रयासों की सफलता के बाद आदित्य और आलिया की समाज सेवा के प्रयास अब गाँव में काफी प्रसिद्ध

19

बिछडंना

7 अगस्त 2024
1
0
0

### अध्याय 19: बिछड़ने की घड़ी *स्थान:* प्रयागराज और गाँव *समय:* आलिया की शादी के तीन साल बाद आदित्य और आलिया की जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव आ चुके हैं। उनके समाज सेवा के प्रयास सफल रहे हैं

20

अंतिम विदाई

7 अगस्त 2024
3
0
0

## अध्याय 20: अंतिम विदाई और नए सफर की शुरुआत *स्थान:* प्रयागराज और गाँव के पास *समय:* आलिया की शादी के दो साल बाद आदित्य और आलिया की कहानी का अंतिम अध्याय उनके जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों का स

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए