### अध्याय 8: जीवन के नए मोड़
*स्थान:* प्रयागराज, आदित्य और आलिया का प्रिय जगह, गंगा घाट
*समय:* कुछ महीने बाद
समाज और परिवार के विरोध के बावजूद, आदित्य और आलिया ने अपने प्रेम को बरकरार रखा। दोनों ने मिलकर हर मुश्किल का सामना किया, लेकिन आने वाले दिनों में उन्हें और भी कठिनाइयों का सामना करना था।
*आलिया का घर*
(आलिया के घर में एक दिन अचानक से शादी की बात छिड़ जाती है।)
आलिया की माँ: "बेटी, तुम्हारे अब्बू ने तुम्हारे लिए एक अच्छा रिश्ता देखा है। यह लड़का पढ़ा-लिखा और अच्छे खानदान का है।"
आलिया: "अम्मी, आप जानती हैं कि मैं आदित्य से प्यार करती हूँ। मैं किसी और से शादी नहीं कर सकती।"
आलिया के पिता: "बेटी, यह समाज कभी तुम्हारे और आदित्य के रिश्ते को स्वीकार नहीं करेगा। हमें तुम्हारी भलाई के लिए यह कदम उठाना होगा।"
आलिया: "अब्बू, मेरी भलाई आदित्य के साथ है। मैं उसके बिना नहीं रह सकती।"
*आदित्य का घर*
(आदित्य के घर भी माहौल तनावपूर्ण है।)
आदित्य के पिता: "आदित्य, तुम्हें आलिया को भूलना होगा। यह रिश्ता हमारे लिए मुश्किलें ही लाएगा।"
आदित्य: "पापा, मैं आलिया के बिना नहीं रह सकता। वह मेरी जिंदगी है।"
आदित्य की माँ: "बेटा, हमें तुम्हारी चिंता है। लेकिन यह समाज कभी तुम्हारे रिश्ते को स्वीकार नहीं करेगा।"
आदित्य: "माँ, हमें बस आपका समर्थन चाहिए। हम हर मुश्किल का सामना करेंगे।"
*आलिया की चिंता*
(आलिया अपने कमरे में बैठी है और आदित्य के बारे में सोच रही है।)
आलिया: "आदित्य, क्या हमारा प्यार समाज की इस दीवार को पार कर पाएगा?"
(वह अपने फोन पर आदित्य को संदेश भेजती है।)
आलिया: "आदित्य, मुझे तुमसे मिलना है। गंगा घाट पर मिलते हैं।"
*गंगा घाट*
(आदित्य और आलिया गंगा घाट पर मिलते हैं।)
आलिया: "आदित्य, मेरे अब्बू ने मेरी शादी की बात छेड़ी है। मुझे नहीं पता क्या करना है।"
आदित्य: "आलिया, हमें मजबूत रहना होगा। हमारा प्यार हमें हर मुश्किल से लड़ने की ताकत देगा।"
आलिया: "मुझे डर है कि हम यह सब झेल नहीं पाएंगे।"
आदित्य: "मैं जानता हूँ कि यह आसान नहीं है। लेकिन हमें एक-दूसरे पर भरोसा रखना होगा।"
(दोनों एक-दूसरे का हाथ थामते हैं और गंगा की शांत लहरों को देखते हैं। उनके दिलों में एक-दूसरे के प्रति विश्वास और प्रेम और भी गहरा हो जाता है।)
*आलिया के माता-पिता का अंतिम फैसला*
(आलिया के माता-पिता ने उसकी शादी के लिए अंतिम निर्णय ले लिया है।)
आलिया के पिता: "आलिया, हमें तुम्हारी शादी जल्द ही करनी होगी। यह समाज के लिए और तुम्हारे भविष्य के लिए जरूरी है।"
आलिया: "अब्बू, मैं आदित्य के बिना नहीं रह सकती।"
आलिया की माँ: "बेटी, हमें तुम्हारी चिंता है। लेकिन यह फैसला तुम्हारी भलाई के लिए है।"
*आदित्य और आलिया की आखिरी मुलाकात*
(आदित्य और आलिया ने गंगा घाट पर आखिरी बार मिलने का फैसला किया है।)
आलिया: "आदित्य, मेरे अब्बू ने मेरी शादी तय कर दी है। मुझे नहीं पता मैं क्या करूँ।"
आदित्य: "आलिया, हमें एक-दूसरे पर भरोसा रखना होगा। हमारा प्यार हमें हर मुश्किल से लड़ने की ताकत देगा।"
आलिया: "क्या तुम मुझे कभी भूल पाओगे?"
आदित्य: "नहीं, आलिया। तुम मेरी जिंदगी हो। मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकता।"
(दोनों एक-दूसरे को गले लगाते हैं और उनके आँसू गंगा की लहरों में मिल जाते हैं।)
*शादी की तैयारी*
(आलिया की शादी की तैयारी शुरू हो चुकी है।)
आलिया के पिता: "सब तैयारी हो चुकी है। हमें बस आलिया की सहमति चाहिए।"
आलिया: "अब्बू, मैं आपकी इच्छा का सम्मान करती हूँ। लेकिन मेरा दिल आदित्य के साथ है।"
आलिया के पिता: "बेटी, यह तुम्हारी भलाई के लिए है। हमें तुम्हारी खुशी चाहिए।"
*आदित्य की व्यथा*
(आदित्य अपने कमरे में अकेला बैठा है।)
आदित्य: "आलिया, मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा? तुम्हारी यादें मेरे साथ हमेशा रहेंगी।"
(वह एक गीत लिखता है जो उसके दिल की गहराई को दर्शाता है।)
गीत:
"तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं,
तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन जिंदगी नहीं।
तेरे प्यार की खुशबू से महकती है हर घड़ी,
तेरी यादें मेरे दिल में हमेशा रहेंगी।"
*शादी का दिन*
(आलिया की शादी का दिन आ गया है।)
आलिया: "आदित्य, मैं तुम्हें हमेशा प्यार करती रहूँगी। यह शादी मेरी मजबूरी है।"
(आदित्य गंगा घाट पर बैठा है और आलिया की यादों में खोया हुआ है।)
आदित्य: "आलिया, तुम्हारी खुशियाँ ही मेरी खुशियाँ हैं। मैं तुम्हारे बिना भी तुम्हें प्यार करता रहूँगा।"
*शादी के बाद*
(आलिया की शादी हो चुकी है और वह अपने नए जीवन में कदम रख चुकी है।)
आलिया: "आदित्य, तुम्हारी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकती।"
(आदित्य अपने जीवन को नए सिरे से जीने की कोशिश कर रहा है।)
आदित्य: "आलिया, तुम्हारी यादें ही मेरी ताकत हैं। मैं समाज सेवा और परोपकार में अपने जीवन को समर्पित कर दूँगा।"
*समाज सेवा का संकल्प*
(आदित्य ने समाज सेवा और परोपकार का संकल्प ले लिया है। वह गंगा घाट पर बेसहारा लोगों की मदद करता है।)
आदित्य: "आलिया, तुम्हारी यादों के सहारे मैं समाज सेवा करता रहूँगा। तुम्हारी खुशियाँ ही मेरी प्रेरणा हैं।"
(आदित्य गंगा घाट पर बच्चों को शिक्षा देता है और बेसहारा लोगों की मदद करता है।)
*आलिया की यादें*
(आलिया अपने नए जीवन में भी आदित्य की यादों को संजोए रखती है।)
आलिया: "आदित्य, तुम्हारी यादें हमेशा मेरे दिल में रहेंगी। मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकती।"