ये इश्क़ हाय हाय करवाए
दिल में दर्द और आंखो से
अश्क बहाए ,
ना तन की सुध ना
मन में चैन आए ,
ये इश्क़ हाय हाय करवाए
ना भूख लगे ना प्यास लगे
हरदम बस यही आस जगे
अब वो मिल ही जायेगी ,
मेरे दिल को वो सहलायेगी
अपने नैनो से मुझे पिलाएगी
प्यार के कुछ बूंद
मिट जायेगी मेरी भी ,
प्यार की भूख,
मैं दीवाना हो भटकता रहा
और ये निकम्मा इश्क
हाय हाय करवाता रहा