चांद सी सुन्दर महबूबा हो
ऐसा हम सोचा करते थे
मिल गई हमको वैसी ही
हम अभी हो गए खुश
फिर ही कुछ ही दिनों में
सारे अरमान हो गए फुस्स
चांद सी सुन्दर वो थी तो
पर उसमे भी कई कमियां थी
हमने पूछा भगवान से
क्या मांगा था क्या दे दिया,
वह भी मुस्कराकर बोले
चांद सी सुन्दर तुमने मांगा
तो चांद के दाग भी आयेंगे
यह क्यों न सोचा ,
हम भी फस गए थे बातो में
सामने की सुंदरता देख
भूल गए थे की चांद
दागदार भी है