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बुढ़ापा

23 नवम्बर 2021

16 बार देखा गया 16
सब कुछ देख जीवन में 
दुख ,,सुख, सब कुछ समेटे 
चेहरे पर दिखता है ये बुढ़ापा
बुढ़ा, बुढ़ापा सुनते ही कितने 
के मूंह बिचकते है ,
जैसे वो आए हैं लेकर 
जवानी का अमृत फल
बड़े जतन के बाद है मिलता 
बुढ़ापे का है  ये आनंद ,
सबकी आंखों में होता 
इज्जत की भरमार ,
जिसे देखो वही है कहता 
चाचा काका बड़े प्यार से 
हर जगह ही  सम्मान दिलाता
रहता है यही बुढ़ापा
दादा , नाना बनवाता है 
बच्चो के होते हैं प्यारे 
घर की शान बाहर का मान
कहलाता है यही बुढ़ापा,


संजय पाटील

संजय पाटील

अद्भुत रचना 👌

7 दिसम्बर 2021

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत बढिया लेखन

23 नवम्बर 2021

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

24 नवम्बर 2021

धन्यवाद जी

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खुला आसमान

26 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">खोज से परे हैं खुला आसमान<br> ढेरो प्रश्न बटोरे है खुला आसमान <br> ना

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गरम गोश्त

28 अक्टूबर 2021
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जीने की तमन्ना इनमें नहीं, जीती हैं यहां सब मर मर कर, है गरम गोश्त का ये बाजार, हो जाती है यहां किस्मत भी लाचार,। नारी है शक्ति ,नारी है धरती, पर नारी ही है यहां नारी की दुश्मन , है गरम गोश्त का ये ब

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परदे में

29 अक्टूबर 2021
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परदे के पीछे लिखी गई <div>कितनी जीवन कि कहानियां</div><div>परदे के पीछे छुप जाता है </div>

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दूर खड़ा

1 नवम्बर 2021
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वह दूर खड़ा नजरे झुकाए <div>वह प्यार किसी से करता था </div><div>लूट ली अस्मत उसकी इसने&nbs

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पुष्प की अभिलाषा

6 नवम्बर 2021
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सुबह सुबह सबसे पहले <div>ईश्वर के चरणों में पड़ जाऊं</div><div>सूरज उगते किसी माली </div><

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मित्र

7 नवम्बर 2021
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सुने अनसुने कहानियों <div>के भेट चढ़ गए अच्छे मित्र,</div><div>जाने कहां खो गए झूठ के </di

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कुआंरी

8 नवम्बर 2021
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बड़े सिद्दत से हमने उनके<div>दिल में बनाई थी जगह </div><div>सभी काम धंधे छूट गए </div><div

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आसमान

11 नवम्बर 2021
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गर जिंदगी रही सलामत<div>छू लेंगे आसमान हम</div><div>अपनो कि डाह और सपनो की चाह </div><div>गर बच

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बेवफा

11 नवम्बर 2021
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दिल तोड़ दिया तुमने,<div>चिता भी जला देना,</div><div>कफन ना मिले तो </div><div>दुपट्टा ही चढ़ा

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हमे तुमसे प्यार है

19 नवम्बर 2021
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हमे तुमसे प्यार है ,<div>ये कैसे कहूं</div><div>जमाने को एतराज है ,</div><div>ये कैसे कहूं</div><div

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खुबसूरती

20 नवम्बर 2021
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खूबसूरती ना होती <div>तो कवि न होते </div><div>प्रकृति न होती यदि</div><div>रवि न होते&nbs

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लहरे

20 नवम्बर 2021
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समुंद्र की लहरें सिखलाती है<div>न घबराओ दुख तो आना जाना है</div><div>कभी अंदर से कभी बाहर से </

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चीनी कम

23 नवम्बर 2021
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हर कड़वे को लगता <div>चीनी कम है</div><div>हर नेता को लगता </div><div>चीनी कम है</div><div

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बुढ़ापा

23 नवम्बर 2021
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सब कुछ देख जीवन में <div>दुख ,,सुख, सब कुछ समेटे </div><div>चेहरे पर दिखता है ये बुढ़ापा</

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बावरा मन

26 नवम्बर 2021
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बांवरा मन देखने <div>चला एक सपना</div><div>हर तन पर हो कपड़ा </div><div>सभी का घर हो अपना&

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पतझड़

2 दिसम्बर 2021
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पतझड़ आने वाला है<div>सारे दुख ले जाने वाला है</div><div>खुशियां लहलहाने वाला है</div><div>खिल जायें

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कैसे कहूं

20 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">हमे तुमसे प्यार है ,<br> ये कैसे कहूं<br> जमाने को एतराज है ,<br> ये

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दरवाजे

22 दिसम्बर 2021
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रंग बिरंगे दरवाजों से <div>होती है घर की पहचान </div><div>रंग बिरंगे दरवाजे होते हैं</div>

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बांवरा मन

22 दिसम्बर 2021
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बांवरा मन देखने <div>चला एक सपना</div><div>हर तन पर हो कपड़ा </div><div>सभी का घर हो अपना&

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अजीब सपना

26 दिसम्बर 2021
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देखा एक अजीब सपना<div>जिसमे सभी थे अपने </div><div>ना कोई दुश्मन ,ना को द्वेष </div><div>न

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मां बाप के सपने

15 जनवरी 2022
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हर मां बाप के सपने बच्चे खुश रहे अपने ना हो दुख ना दरिद्रता रहे उनपे सभी भ्यव्यता ना कमी हो कभी पैसे की ना कमी हो उनके सपनो कीहर पल खुशहाल रहे बच्चे यही दुआ देते हरपाल&nb

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अदाकारा

20 जनवरी 2022
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किसी को भी रुलाना किसी को भी फसानाकिसिके भी आंखो से निंदे चुराना ,वो ऐसा कैसे कर सकती थीपर वो करती थी सबकुछ फिर भी थे दीवाने पागल जो उसकी ही बाते माने रहते थे तैयार गर्दन कटान

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दवा

20 जनवरी 2022
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*गुज़र* रही है *ज़िन्दगी*ऐसे *मुकाम* से,*अपने* भी *दूर* हो जाते हैं,ज़रा से *ज़ुकाम* से।*तमाम क़ायनात में एक क़ातिल बीमारी की हवा हो गई,* *वक़्त ने कैसा सितम ढा़या कि "दूरियाँ" ही 'दवा' हो गई...*&nbsp

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तितली रानी

16 फरवरी 2022
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रंग बिरंगी तितलियां सुंदर सी ये तितलियांमिलती हर फुलवारी मेंबच्चो की ये प्यारी हैदेख निकले किलकारी हैपीछे पीछे दौड़े बच्चे आगे उड़ती तितली रानीउड़ती रहती ये मतवाली इनका नही है कोई

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एक दिन

6 मार्च 2022
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जीवन में एक दिनसब बदल जायेगा हर दुख से तु मुक्त हो जायेगा ना रहेगी टेंशन ना रहेगी पेंशनसब यही छोड़ जायेगा बस कुछ दिनों के लिएनाम तेरा रह जायेगा फिर तो वह भी किसी को याद नही आय

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हम रहे ना रहे

9 मार्च 2022
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हम रहे ना रहे ये दुनिया रहेगी हमारे सभी अफसाने रहेंगे ,जीवन के सभी तराने रहेंगे ,अच्छे विचारों के दीवाने रहेंगे ,हम रहे ना रहे ,ये फिजाएं रहेंगी,उल्फत की सारी अदाएं रहेंगी तरन्नुम से सज़ी,ये

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मिट्टी के खिलौने

23 अप्रैल 2022
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बचपन में खेले खूब मिट्टी के खिलौने से अब समझ आया कीहम भी हैं मिट्टी के खिलौने ईश्वर ने एक रूप दिया उसको हम अच्छा बनाए या फिर हम बुरा बनाए मिलना फिर से मिट्टी

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चांद सी सुन्दर

24 अप्रैल 2022
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चांद सी सुन्दर महबूबा हो ऐसा हम सोचा करते थे मिल गई हमको वैसी ही हम अभी हो गए खुश फिर ही कुछ ही दिनों में सारे अरमान हो गए फुस्स चांद सी सुन्दर वो थी तो पर उसमे भी कई कमियां थी हमने पूछा भग

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शब्दो के पंख

14 मई 2022
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अगर शब्दो के पंख होते तो दुनिया में हम न होते रोज होती लड़ाइयां जम करएक दूसरे की खिंचाई जम करहर शब्द आपकी चुगली करता कोई डर कर बात ना करता होते कई फायदे भी इसके झूठ बोलना&nbsp

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प्यार विश्वशघाट और बदला

18 मई 2022
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जहां होता प्यार ,वही होता घात जहां हो विश्वास ,वही ,होता विश्वासघात फिर शुरू होता बदले की बात जमाना बदल गया यारो अब ना प्यार सच्चा ना ही यार सच्चा सब कुछ मतलब से चल रहा है , प्यार भी मतलब से होता है

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एक शाम

22 मई 2022
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एक शाम तेरे नाम सिर्फ मैं और सिर्फ तुम तन्हाई में बैठे रहें आंखो में आंखे डाल एक दूसरे में खोए हुए मतलब ना हो किसी से तेरी आंखो की गहराइयों को नाप लूं आज , तेरी धड़कनों को महसूस कर लूं आज

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अपना शहर छोड़कर

22 मई 2022
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अपना शहर छोड़कर कहां जायेंगे , यहां की गलियां यहां के चौराहे बहुत याद आयेंगे , कुछ पुरानी यादें ,पुराने किस्से कैसे भूल पाएंगे , पुराने मित्रों की टोली वह हंसी ठिठोली , सुबह की मॉर्निंग वॉक और दु

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भेदभाव

31 मई 2022
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हर इंसान करता हैं भेदभाव , मां बाप करते बच्चो में भेदभाव भाइयों में रहता भेदभाव मित्रों भी रहता भेदभाव नेता करते जनता से भेदभाव जनता भी कम नही वह भी करती उनसे भेदभाव ईश्वर ने भी किया है भेदभाव त

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मां

31 मई 2022
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मां तो बस मां है उसके आगे कुछ भी नहि मां की ममता मां की महिमा इस से बढ़कर कुछ भी नही सारे दुखो को सहकर अपने रक्तो से सींचकर वह हमे है जनती खुद भूखी रहकर भी वह बच्चो का पेट है भरती फिर भी हम

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तुम आया ना करो

25 जून 2022
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उनके आते ही दिल हो गया बैचेन,कुछ ही पल में वो चली जायेंगी फिर कैसे मिलेगा चैन,कैसे कहूं की ,तुम आया ना करो गर आती हो तो फिर जाया न करो ,उनकी खुशबू से चहक उठता

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दिल का बिल

25 जून 2022
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दिल का कोई बिल नही हो सकता रिफिल नही कितने भी तुम शोर मचा लोचाहे दुनिया को बुला लो एक बार जो टूटा दिल कितने भी जुगाड लगा लो दिल को नही जोड़ सकते दिल तो दिल ही है उसक

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अनजाना सफर

18 जुलाई 2022
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मैं चल पड़ा एक अनजान सफर परप्यार की डगर पर ना पता उसकाठौर ठिकाना फिर भी चल पड़ा मैं बन प्रेम का दीवाना ना कोई अफसाना ना कोई तराना फिर भी हो गया मैं भी परवाना&nb

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स्त्री

18 जुलाई 2022
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एक स्त्री होती है मां एक स्त्री होती हैं बहन एक स्त्री होती है मौसीएक स्त्री होती है बुआ एक स्त्री होती है चाची ,काकीएक होती है पत्नी बेचारी स्त्री एक रूप अनेक फिर भी है बेचार

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पिया मिलन

30 जुलाई 2022
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आई पिया मिलन की बेला मेरा पिया बड़ा अलबेला रहता है परदेश में ना जाने किस वेश में भूल बैठा है मुझको भी ना जाने किस रोष में मुझसे कोई हुई न खता फिर भी रहा है मुझको सता ऐसी बाते करता ह

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खामोशी

30 जुलाई 2022
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हर तूफा से पहले होती है खामोशी सुबह से पहले भी होती है खामोशी हर खामोशी के आगे होता है धमाल चाहे मुसीबत का हो या खुशियों का इसलिए कभी कभी अधिक खामोशी उड़ा देती है अच्छे अच्छों के होश हर खामोशी के

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शराबी

31 जुलाई 2022
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शराबियों को खुशियां बढ़ा जाती जब मिलती बोतल शराब कि, और खुशियां तब बढ़ती है जब मिल जाए साथ कबाब कि दो पैग लग जाने पर बढ़ती खुशियां जब दर्शन हो जाए शबाब कि, और दो पैग लग जाने पर इनके नखरे हो

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गण गण गणपति

3 अगस्त 2022
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ॐ गण गण गण गणपति, ॐ जय जय जयदेव गणपति, सर्वोपरि हो देवो में, प्रथम पूज्य हो यज्ञों में ॐ गण गण गण गणपति, तुमसे ही मिलता है भक्तो को सदगति , मंगल दायक तुम ही हो विध्न विनायक तुम ही हो , तुम करुणा के

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बादलों के संग

4 अगस्त 2022
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उड़ चले हम आसमा में बदलो के संग संगमेघ बन कर बरसाएंगे प्यार की बरसात ,मुरझा गए हैं जिनके दिल उनको खूब भिगाएंगे बूझे हुए दिलों में फिर से नई उमंग लहराएंगे प्या

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दिल की बात

4 अगस्त 2022
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दिल की बात है दिल में यारा तुझ पे है सबकुछ वारा समझ सका ना अब तक तुझको जान से ज्यादा चाहूं तुझको इतना भी नखरे ना कर इक बार तो देख ले मुझको माना तु परी है लगती

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बोतल शराब कि

5 अगस्त 2022
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देख शराब की बोतल एक शराबी बोला ,मैं पीना नही चाहता कभी पर तु सामने आ जाती है ,बेवजह मुझे ललचाती है पीने से तुझे ,लोग शराबी कहते हैं मेरे नाम की पूरी बदनामी करते है आखिर

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ये इश्क हाय

6 अगस्त 2022
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ये इश्क़ हाय हाय करवाए दिल में दर्द और आंखो से अश्क बहाए , ना तन की सुध ना मन में चैन आए , ये इश्क़ हाय हाय करवाए ना भूख लगे ना प्यास लगे हरदम बस यही आस जगे अब वो मिल ही जायेगी , मेरे

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यादें हैं

7 अगस्त 2022
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यादें हैं तेरी जैसे दिल की रवानी हो तेरे मेरे बीच की नई कोई कहानी हो देखा है तुझको जबसे मुझको एतबार है तु ही तो अब मेरी दिले इख्तियार है तुझको है चाहा मैने जाने जिगर बनाया मैने बंद किया दिल क

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रोज शराब

7 अगस्त 2022
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जो दिलाए रोज शराबअसली मित्र वही जनाब,दुखी हो मन जब किसी का जो ले जाए उसे बीयर बार असली मित्र वही है जनाब ,सुंदर नारी सब पे भारी मिलवा दे एक बार और बनव

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शहर की चकाचौंध में

10 अगस्त 2022
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शहर की चकाचौंध में दिखते सब चका चक अच्छे बुरे की पहचान करना नही है आसान हर ओर छाया उजियारा ना दिखता कही अंधियारा सपने लेकर आते है लोग चकाचौंध में खो जाते हैं लोग शहर की चकाचौंध में सभी लगते मन के

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आजादी की शाम

14 अगस्त 2022
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लोगो में उल्लास भरा था ,खुशियों का सैलाब बना था ,हर हाथ ने तिरंगा थाम रखा थाहर आंख में देश प्रेम भरा था ,आजादी की शाम का उन्माद अलग था ,बच्चे बूढ़े वीर जवान सब खड़े थे सीना तानआख

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कभी खुशी कभी गम

21 अगस्त 2022
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जीवन में हर पल मिलते है , कभी खुशी, कभी गम , कभी धूप ,कभी छांव, कभी दुख , कभी सुख कभी दर्द ,कभी राहत , कभी अपने ,कभी पराए कभी तो अपने साए भी साथ छोड़ जाते हैं , कभी पराए भी साथ दे जाते हैं इसी तरह

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भूल से भी भूल न जाना,

19 अक्टूबर 2022
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भूल से भी भूल न जाना,सच्चाई की राह को ,चाहे कितने भी चुभे कांटे ,ना छोड़ो सतमार्ग को ,।रोते हुए हम आए थे ,सबको रुला कर जायेंगे ,सबके लिए हम जान भी दे दे,फिर भी कुछ ना पाएंगे ,।साथ रहेगा अपना सत्

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गुजरती गई मेरी जिंदगी

21 अक्टूबर 2022
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गुजरती गई मेरी जिंदगी यूं ही तमाम होकर , सोचा था कुछ ,हुआ कुछ , करना था कुछ, हो गया कुछ , रास्ते ऐसे ही बदलते गए, किस्मत भी रोज टालती रही , दूसरो से कोई गिला न था , अपने ही पैर कुतरते रहे , सोच

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गर रखो हसरत फूलों से

23 अक्टूबर 2022
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गर रखो हसरत फूलों से , तो कांटो से ना रुसवाई, जीवन के कई मोड़ पर , दोनो ही साथ निभाए,।। जीवन है रंग बिरंगी , हम जीते बन अतरंगी , इसके भाव है अनमोल, इसे हल्के में ना तोल,। गमों को भी हंस गले लगा, खुशिय

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वक्त बदले उसके पहले

28 अक्टूबर 2022
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वक्त बदले उसके पहले , खुद को बदल लो , खुद पर विश्वास कर लो , फिर दूसरो पर अविश्वास करो ,। अपने विचार दूसरो पर ना लादो, दूसरो का भी विचार सुनो, दूसरो को हराने से पहले , खुद पर जीत हासिल करो ,। अपने क्र

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मेरी फितरत

8 नवम्बर 2022
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असंभव को संभव कर दिखाना , मेरी फितरत है , लगी हुई आग को बुझाना, मेरी फितरत है, बिछड़ों को फिर से मिलाना , मेरी फितरत है, सुप्त प्यार को फिर से जगाना , मेरी फितरत है, हारे हुए को फिर से&nbs

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इश्क का पैगाम

10 नवम्बर 2022
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गुजार दिया जिसके याद में , अपनी तमाम जिंदगी , आज उस नामुराद ने , इश्क का पैगाम भेजा है ,। ऐसा लगता है जैसे उसने , कुछ दिन और तड़पने का , कर इंतजाम भेजा है , इश्क का पैगाम भेजा है, जब जवां थी मोह

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लोहे को लोहा काटता

10 नवम्बर 2022
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लोहा लोहे को काटता , मनुष्य को काटे है सोच , मन में राखे सोच हैं, तन में भरे है मोच,।। लब पे जरा भी लोच नही , मुख से गया है ओज, आंखो से पानी गया , मन में रहा न कोय ,।।

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मुर्दे को मुर्दा ना कहना

10 नवम्बर 2022
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मुर्दे को मुर्दा ना कहना, है उसमे बड़ी अकड़ , जिंदा जो बन बैठे मुर्दा , पहले उन्हे जकड़ ,। जिंदा रहकर जो जले , वह मानुष कैसे होय, जल जल कर अपना , देता सबकुछ खोय,।। अपना पराया करते करते जो तोड़े

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जिंदगी में डरना क्यों

17 नवम्बर 2022
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जिंदगी में डरना क्यों , अच्छा बुरा सोचना क्यों , बढ़ाते रहो तुम अपने कदम , जब तक है तुम में दम ,। कुछ तो हासिल होकर रहेगा , सफलता हो या तजुर्बा , हारने का गम न करना , जीत पर घमंड ना करना ,,।। अपने कर्

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प्रेम

2 दिसम्बर 2022
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ढाई अक्षर प्रेम का , समझ सका ना कोय, जो इसको है समझ गया , वह काहे परीक्षा लेय, जो ना समझे प्रेम को , वह प्रेम की परीक्षा लेव, प्रेम तो अनमोल है , उसे तराज़ू में ना तौल, प्रेम से बचा ना कोई कोना,

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जो बुरे नही है

5 दिसम्बर 2022
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वो बुरे नही है यारों ,जो बुरा आपको हैं कहते ,बुराई है दिमाग में अपने ,जो उनकी बात है मानते ,दूसरो के कहने से हम है चलते ,अपने मन की कभी ना सुनते ,दूसरो पर हम है दोष लगाते ,अपने मन को क्यों ना जगाते,।आ

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