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एहसास

6 नवम्बर 2015

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ये मेरा खुद से ही बातें करना

ये मेरा हर वक़्त तन्हा रहना

बात - बात पर

तेरी बातों को याद करना

हर बार चाँद में

तेरा चेहरा तलाशना

तुझ - संग सजाये उन सपनों को

आज भी देखना

इस दिल के टूटने पर भी

तेरे लिए इस दिल से

दुआ का निकलना

आज भी उन राहों पर

तेरा इंतज़ार करना

चाहे दुनिया वाले

इसे कुछ भी कहें

मेरे लिए इस एहसास से बड़कर

कुछ भी नहीं

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