दर्द को तो दुआओं ने कम कर दिया,एक गहरा सा दिल में ज़ख्म कर दिया।बस सुलगता रहा रात दिन आदमीं ,दिल के रिश्तों ने दिल को ख़त्म कर दिया।जल गए रास्ते खो गईं मंज़िलें रुख़ हवाओं ने अपना गरम कर दिया। हाथ खाली हैं भरलो दुआ दोस्तों,लो मुक़द्दर ने पूरा करम कर दिया। ना रुकेगा कहीं कारवां वक़्त का,अब तुम्हारे हवाले ध