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मेरे हमसफ़र मेरे हमदम...भाग-४

6 अगस्त 2022

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दूसरे दिन सुबह......

अमर जल्दी ही तैयार होकर सुनयना के घर पहुँचता है। सुनयना इंटरव्यू के लिए तैयार हो रही है, और उधर सुनयना के पापा अमर को नास्ता करने के लिए बोल रहे है। अमर फटाफट नास्ता करके सुनयना को चलने के लिए बोलता है......

सुनयना पिंक कलर के ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही है। अमर की निगाहें दो मिनट के लिए सुनयना पर ही टिक जाती है, उधर तबतक जल्दी जल्दी ही सुनयना नास्ता करके अमर को-
चले अब! मैं तैयार हूँ।
अमर- हाँ और बाहर अपनी बाइक स्टार्ट करने लगता है।
पीछे अमर की बाइक पर सुनयना बैठ जाती है, और दोनों इंटरव्यू के लिए निकल जाते है।

आफिस में पहुँचकर रिसेप्शन पर अमर सुनयना को छोड़कर अपने ऑफिस के लिए निकलने लगता है।
सुनयना पीछे से- तुम यहाँ रुक नही सकते क्या? मुझे बहुत डर लग रहा है।
अमर- देखो सुनयना! अगर तुम्हारा सिलेक्शन हो जाएगा, तब पर भी तो तुम्हे रोज अकेले ही आना होगा।
सुनयना- वो तो ठीक है, लेकिन प्लीज रुक जाओ मैं बहुत नर्वस हूँ। प्लीज...
अमर- अच्छा! मैं बाहर खड़ा हूँ...तुम जाकर वहाँ बैठो....
सुनयना- ठीक है, प्लीज जाना मत.....

और सुनयना रिसेप्शन के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाती है।

सुनयना थोड़ा स्थिर होने के बाद आफिस के चारो ओर एक नज़र डालती है।
वाव क्या आफिस है??? इतना बढ़िया......इतना सिस्टमैटिक.....हर चीज एक दम यूनिक......यहाँ का बॉस कितना पैसे वाला होगा......अगर मुझे यहाँ नौकरी मिल जाए तो कितना अच्छा होगा....यहाँ की नौकरी का एक स्टेटस सिंबल है........

इतने में रिसेप्शन से मिस सुनयना आपको अंदर बुलाया जा रहा है.. प्लीज आप मेरे साथ आइये.....
अमर बाहर से ही थम्सअप करते हुए प्रोत्साहित करता है, और सुनयना इंटरव्यू के लिए अंदर जाती है।

आफिस के अंदर का नज़ारा देखकर सुनयना की आँखे खुली की खुली रह जाती है.... इतना सुंदर आफिस और आफिस में कितने स्मार्ट स्मार्ट लोग काम करने वाले है।

खैर केबिन का दरवाजा खुलता है, एक स्मार्ट सा यंग सा बंदा कंप्यूटर पर काम करता हुआ दिखता है.......

मे आई कम इन सर!- सुनयना डरी हुई आवाज में पूँछती है....
कंप्यूटर से उठती हुई नजर- ओह! यस प्लीज......सुनयना....
यस सर- सुनयना बोलती है।

प्लीज कम.....बैठिए...
सुनयना थैंक यू बोलकर बैठ जाती है।

मेरा नाम राजशेखर है, मैं इस कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर हूँ। तुम मुझे राज कहकर बुला सकती हो।
खैर-
सुनयना! प्लीज अपने बारे में कुछ बताओ?- राज पूँछता है।
सुनयना- सर मैंने अभी लास्ट ईयर अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है और उसके बाद मैंने एक साल का मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है। घर मे मेरे मम्मी पापा है और एक छोटा भाई भी है.......पापा का बिजनेस है और मम्मी घर पर काम करती है।

राज- क्यों जॉब करना चाहती हो तुम?
सुनयना- सर! मैं अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूँ, किसी के ऊपर बोझ नही बनना चाहती और अपना एक मुकाम हासिल करना चाहती हूँ।
राज- क्या लक्ष्य है तुम्हारा?
सुनयना- सर! आप की तरह एक कंपनी एक मालिक....
राज-ओके! थैंक्स....यू आर इन......कल से तुम इस कंपनी को जॉइन कर सकती हो और मन लगाकर काम करना है। कल से तुम मेरे साथ काम करोगी.....
सुनयना- ओके सर!
राज- आप अभी एचआर सेक्शन में जाओ मैं फ़ोन कर रहा हूँ, जहाँ तुम्हारी सैलरी और कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करना होगा।

सुनयना थैंक यू सर! बोलकर वहाँ से निकलती है, सुनयना को विश्वास नही हो रहा है कि उसे यह नौकरी मिल गयी है। सुनयना की खुशी का कोई ठिकाना नही है। केबिन से बाहर निकलते ही अमर को मैसेज करके बताती है कि उसे जॉब मिल गयी है और कल से जॉइन करना है। अमर भी मैसेज करके उसे बधाई और ढेर सारा प्यार भेजता ही।

सुनयना एचआर सेक्शन में जाती है और वहाँ पर पूरी फॉरमैलिटी करती है। सैलरी देखकर उसकी आँखें फ़टी की फटी रह जाती है। सुनयना अपने मन मे यह तो बहुत अच्छी कंपनी है मुझे २५००० रुपये मिलेंगे। मैंने को कभी सोंचा ही न था कि मुझे कोई इतना पैसा दे सकता है। इससे तो मैं अपने लिए बहुत सारी चीजें खरीद सकती हूँ। मेरी तो अब जिंदगी बहुत अच्छी हो जाएगी….......

लगभग चार घण्टे के बाद लंच टाइम के आस पास सब फॉरमैलिटी पूरी करके अगले दिन से जॉइनिंग का लेटर लेकर सुनयना आफिस से बाहर निकलती है।

अमर बाहर ही सुनयना का इंतज़ार कर रहा होता है, इसी बीच मे अमर सुनयना के लिए एक गुलदस्ता लाया होता है, जिसे वह प्यार से उसको देता है और हाथ मिलाकर प्यार से गले लगा लेता है।

चलो बहुत अच्छा हुआ, तुम्हारी इतनी अच्छी जॉब लग गयी है, आज की पार्टी मेरी तरफ से होगी- अमर बोलता है।
सुनयना- हाँ भूख तो मुझे भी बहुत लगी है।

अमर बाइक स्टार्ट करता है और दोनों लंच करने के लिए एक रेस्ट्रॉन्ट की तरफ जाते है। रेस्ट्रॉन्ट पहुँचकर अमर सुनयना का पसंदीदा खाना चाइनीज आर्डर करता है।

सुनयना- अमर का हाथ पकड़ते हुए.....थैंक यू अमर! अगर आप नही होते तो मैं कुछ नही कर पाती.....थैंक यू सो मच......

सुनयना खाते खाते अमर को आफिस में हुई हर एक चीज बताती है और दोनों लंच करके घर के लिए निकलते है..........

क्रमशः...........


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