रात्री के नौ बजे थे , लोग रात्री भोजन के बाद घूमने निकले थे. रमेश भी उनमें से एक था .रोजाना की तरह उसने सीमा के कमरे की खिड़की पर पत्र रखा. किन्तु वहां सीमा का पत्र नहीं था.उसने हाथ डालकर अंधेरे मेंं खोजने का प्रयास किया तो किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया . तभी पीछे से उसे किसी ने जकड़ लिया.
वह कुछ समझ पाता कि दो लोगों ने उसे घर के अंदर ढकेल दिया. वहाँ उसका अच्छा स्वागत हुआ. चेतावनी दी गई और धमकियां दी गईं.
वह रंगेहाथों पकड़ा गया था ,महिनों से चले आरहे उसके और सीमा के प्रेम की मौत हो गई थी और इसके पीछे कौन था घर का भेदी , घर का नौकर बहादुर.