जिन्दगी भर ,
जो सही लगा ,
वही किया,
वही कहा.
अब जीवन के
अंतिम छोर पर,
सही को गलत,
और,
गलत को सही,
अच्छे को बुरा ,
और ,
बुरे को अच्छा कहूं,
मुझसे नहीं होगा,
चाहे मरूं या जिऊं..
14 नवम्बर 2021
जिन्दगी भर ,
जो सही लगा ,
वही किया,
वही कहा.
अब जीवन के
अंतिम छोर पर,
सही को गलत,
और,
गलत को सही,
अच्छे को बुरा ,
और ,
बुरे को अच्छा कहूं,
मुझसे नहीं होगा,
चाहे मरूं या जिऊं..