टीवी पर देखा ,
सारे लक्षण थे,
जो बताया ,
वह किया .
सारी दवाएं -टानिक मंगाये,
खाया पिया,
फिर सोशल पर देखा ,
सलाह,
मशविरा किया,
जो समझ में आया ,
वो सब किया.
थककर डाक्टर ,
वैद्य से मिला,
पर रोग बढ़ता ही गया.
जब,
रोग का इलाज,
वैद्य लुकमान,
के पास भी,
नहीं मिला.
तो,
सोचता हूँ,
बहुत हुआ.
अब,
जल्दी से,
ऊपर जाकर ,
ही दिखाना ..