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jain rajsulo की डायरी

jain rajsulo

11 अध्याय
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jain rajsulo ki dir

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पुस्तक के भाग

1

ऊपरवाला

13 अक्टूबर 2021
2
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<ol> <li>गाड़ी त्रिवेंद्रम स्टेशन छोड़ चुकी थी किन्तु मैं अभी तक प्रतीक्षा सूची में ही था. टीटी से ब

2

प्रसिद्धि और महत्वाकांक्षा

18 अक्टूबर 2021
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<h3>प्रकृति से सभी आगे बढ़ना चाहते हैं ,सभी चाहते हैं कि उनको सभी प्यार करें ,उनकी प्रशंसा करें

3

मन का मीत

26 अक्टूबर 2021
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<p>मन स्वभाव से चंचल होता है,आज यहाँ ,तो कल कहीं और होता है. बचपन में मां ,फिर घर वाले और फिर खिलौने

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मनमीत

27 अक्टूबर 2021
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<p>आज मेरा मनमीत उदास था,</p> <p>आकर बोला ,मुझे नहीं जाना,</p> <p>मैं तुम्हारे बिना, नहीं रह सकता,</

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करोना

29 अक्टूबर 2021
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<p>ये क्या हो गया है,</p> <p>मेरी जिन्दगी को ,</p> <p>बाहर जाने में ,</p> <p>करोना से ,</p> <p>डर लग

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घर का भेदी बहादुर

2 नवम्बर 2021
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<h3>रात्री के नौ बजे थे , लोग रात्री भोजन के बाद घूमने निकले थे. रमेश भी उनमें से एक था .रोजाना की त

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त्योहार

9 नवम्बर 2021
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<p>एक समय था,</p> <h2>जब मुझे ,</h2> <h2>त्योहारों से प्यार था,</h2> <h2>दशहरा हो,</h2> <h2>दीवाली ह

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बीमारी

11 नवम्बर 2021
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<p>टीवी पर देखा ,</p> <p>सारे लक्षण थे,</p> <p>जो बताया ,</p> <p>वह किया .</p> <p>सारी दवाएं -टानिक

9

आत्मबोध

14 नवम्बर 2021
1
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2

<p>जिन्दगी भर ,</p> <p>जो सही लगा ,</p> <p>वही किया,</p> <p>वही कहा.</p> <p>अब जीवन के</p> <p>अंतिम

10

भगोड़ा

22 नवम्बर 2021
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<p>कल बादल ,</p> <p>जमीन पर उतर आये,</p> <p>उनसे अपने ही पानी का बोझ,</p> <p>नहीं बना उठाते.</p> <p>

11

सुस्वागतम

31 दिसम्बर 2021
2
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<p>आज २०२१ जा रहा है,</p> <p>इसने हमें ,</p> <p>परेशान किया,</p> <p>दुःख दिया, </p> <p>कोरोना दिया,</p> <p>पर लड़ने की शक्ति भी दी,</p> <p>इस सबके लिए,</p> <p>एक धन्यवाद तो बनता है...</p> <p>आइये

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