कहते है कि महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1949 में नाथू राम गोडसे ने की थी. यह अपने आप में पूरा सत्य नहीं है. यदि हम गांधी और गोडसे को व्यक्ति के रूप में देखे तो यही सत्य है, पर गाँधी और गोडसे को एक विचारधारा के रूप में देखे तो यह अर्ध सत्
वह 1 फरवरी 1948 का दिन था. गांधी का वध हुए दो ही दिन हुए थे. हवाओं में कुछ बेचैनी और माहौल में कुछ उदासी थी. सुबह स्कूल जाते समय कुछ ब्राह्मण बच्चों ने गलियों के कोने में खड़े कुछ लोगों कानाफूसियाँ सुनी थींऔर उनकी धधकती आँखों से उस बातचीत का अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहे थे