तारीफ आखिर है ही क्या उनकी।
जिन सब ने हमे पढ़ाया।
पढ़ा लिखा कर हमे।
अपने दम पर खडा होना सिखाया।
जिंदगी के हर मोड पर डत कर ।
मुसीबतो से अकेले सामना कर सिखाया।
माना कि मारा भी बहुत ना पढ़ने पर।
पर काम पूरा करने का जज़्बा भी बताया।
शक्षत् नमः है उन सभी अधयपको को।
जिसने शुभम को जिंदगी का मतलब समझाया।
कोटि कोटि धनायवाद है आप सभी का।
अपना हमे समझ देकर।
इस मौकाम पर पहुंचाया।।
शुभम श्रीवास्तव
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