H.K.Joshi
एच.के.जोशी, निवास :-अलीगढ़ (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) शिक्षा:-स्नाकोत्तर,हिंदी,अर्थशास्त्र, व्यबषाय:-व्यक्तिगत शिक्षण,पेंटिंग्स एवं चित्रकारी, शौक़ :- पुरानें गानें सुनना, जासूसी उपन्यास पढ़ना , और हॉरर कहांनी लेखन,श्रृंगारिक कविताएं एवं हास्य-व्यंग, तथा उपन्यास आदि अन्य विधाओं में लेखन कार्य।
■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■
देवेश की पत्नी अपनें दोनों बच्चों को स्कूल में छोड़नें जाती है, वह सात माह की गर्भवती थी,रास्ते में अक्समात एक प्रेत उस पर अटैक करदेता है,वह ठोकर खाकर गिर जाती है,बच्चों को वह दर्द सहन करती किसी तरह स्कूल में छोडाती है,पर घर आते आते वह भयंकर पीड़ा से
■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■
देवेश की पत्नी अपनें दोनों बच्चों को स्कूल में छोड़नें जाती है, वह सात माह की गर्भवती थी,रास्ते में अक्समात एक प्रेत उस पर अटैक करदेता है,वह ठोकर खाकर गिर जाती है,बच्चों को वह दर्द सहन करती किसी तरह स्कूल में छोडाती है,पर घर आते आते वह भयंकर पीड़ा से
★ मेरीं यादों के झरोंखों से ★
यह उपन्यास ग्रामीण आँचल से एक प्रेंम की विशुद्ध गाथा है, जिसका प्रारम्भ नाइक और नायिका के अचानक प्रथम बार आमना सामना होनें से होता है, दोनों एक दूसरे को देखकर सोचतें हैं कि वह दोनों तो पहिलें कभी मिलें हैं पर नायक किशोर अपनीं नायिका को देख कर अपनीं
★ मेरीं यादों के झरोंखों से ★
यह उपन्यास ग्रामीण आँचल से एक प्रेंम की विशुद्ध गाथा है, जिसका प्रारम्भ नाइक और नायिका के अचानक प्रथम बार आमना सामना होनें से होता है, दोनों एक दूसरे को देखकर सोचतें हैं कि वह दोनों तो पहिलें कभी मिलें हैं पर नायक किशोर अपनीं नायिका को देख कर अपनीं
मधुर मधु वातायन भाग 02
इस काव्य संग्रह में संयोग ,विप्रालम्भ श्रृंगार रस और अन्य नव रसों का शब्दांकन है।
मधुर मधु वातायन भाग 02
इस काव्य संग्रह में संयोग ,विप्रालम्भ श्रृंगार रस और अन्य नव रसों का शब्दांकन है।