माँँ
समंदर के सूखने से साहिल की फरियाद आती है जैसे बहुत रोने से बच्चे को माँ की याद आती है अब तो माँ भी कहती है किसी से तू डरा मत कर बच्चे को मौत माँ के मर जाने के बाद आती है। हो जाए लाख गलती पर माँ तब भी हाथ रखती है बस इक माँ है जमाने में जो हरदम मेरे साथ रहती है। दुनिया तो हरदम मुझ पर चाकू चलाती है बस