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हम और हमारे अहसास

Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’

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हमारे आंगन की शान रही चारपाई ,शान चारपाई से नहीं उस पर बैठी हमारी अम्माजी से बढ़ती थी। 95 साल की उम्र में भी अम्माजी को दिनभर बिस्तर पर लेटे पड़े रहना पसंद ना था ,और ना ही दिन भर अपने बिस्तर बिछे रहने देती । अरे हां सच में आज की तरह दिनभर बिस्तर बिछे नहीं रहते थे और ना ही बिस्तरों पर सुबह दरे तक पड़े रहने का रिवाज था अपने आप सभी लोग सवेरे जल्दी उठ जाते। आजकल के बच्चों को स्कूल के लिए जगाने का रिवाज ना था ,और ना ही माता-पिता को उनके आगे पीछे नाचने की जरूरत होती ,प्यारे हम भी थे पर आजकल की तरह आकर्षण का केंद्र नहीं थे । सब लोग उठे बिस्तर तह कर के साइड में रखतेें और सभी चारपाई एक साइड में लगा दी जाती, हां बैठक जिसको आज का नाम बैठक नहीं ड्राइंग रूम कहते हैं जहां कलात्मक चीजों के साथ खुद भी मैनर्स फॉलो करते हुए कलात्मक बन कर बैठना पड़ता है ,मजाल क्या बैड या सोफे के कवर हिल जाएं,तुरंत मैडम के प्रवचन शुरू याद है, मिस्टर ढिल्लन का ड्राइंग रूम, एक एक चीज की कितने करीने से सजी हुई थी,  एक एक चीज लाजवाब और एन्टिक, हमारे यहां तो घर मेन्टेन करने का सलीका ही नहीं । अरे मैं भी कहां पहुंच गई, तो हमारे यहां बैठक में हीं पलंग बिछा होता ,और कुर्सियां पड़ी होती ,लोग हमसे मिलने आते थे हमारे ड्राइंग रूम के शोपीस से नहीं । अम्मा जी की चारपाई पर हम सभी बच्चे जगह बनाने की कोशिश करते ,हमारी यह कोशिश ही अम्माजी को चरम सुख प्रदान करती। अम्माजी बीचोंबीच आंगन में चारपाई पर बैठती ,जहां से सब उनकी निगाह में रहते, पर कभी किसी को रोकना टोकना उनका स्वभाव ना रहा, और सभी उनके पास आकर बैठने की कोशिश किए रहते । अम्माजी की चारपाई के पास चौकियां मूड्ढी पड़ी रहतीं, जमीन पर चटाई बिछाकर बैठने में हमारे घुटने जवाब ना देते । अम्माजी का स्वभाव सबको सुनने का था, उस समय बड़ों का कहना मानना अनिवार्यता होती और सबके लिए होती। आज भी अम्मा जी को याद करती हूं तो अम्मा जी को आंगन में चारपाई पर बैठे-बैठे महसूस करती हूं ।कभी-कभी जब फोटोग्राफर किसी खास मौके पर बुलाया जाता तो फैमिली फोटोग्राफ के लिए अम्माजी को कुर्सी पर बैठाकर अम्मा जी के दोनों तरफ दो दो करके उनके चारों बेटे और पीछे बहू खड़ी हो जातीं, औरआगे फर्श पर हम सब उनके पोते पोती बैठ जाते । यह होता हमारा फोटो सेशन, ना कोई सजने संवरने का तामझाम, ना ही रीटेक का झंझट । आज 

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