कहानी एस्ट्रोनॉट की हो तो अपने इष्ट को याद करके बडा गर्व अनुभव हो रहा है ।मेरे इष्ट बजरंग बली से भी बडा कोई एस्ट्रोनॉट होगा जिन्होंने सम्पूर्ण अन्तरिक्ष को क्रीडांगन बना रक्खा है तेजस्वी सूर्य को मधुर फल समझ कर मुँह में रक्ख सम्पूर्ण जगत् को अंधकारमय करके स्रष्टि विचलित करदी ,गतिवेग और शक्ति इतनी प्रबल की सहस्र योजन दूर सुमेरू पर्वत पर संजीवनी लेने भेजा ,खोजने पर कुछ समझ नहीं आया तो पर्वत ही उठा लाये ।भक्तों के सुमिरन करने पर तत्काल सहायक बन रूके काम को संवार दे ।भगवान श्री राम के दूत हमारे रक्षक बजरंग बली की महिमा अद्वितीय है ।
हमारे वैदिक संस्कृति में बहुत से ऐसे पात्र हैं जो सम्पूर्ण बम्हांड में कहीं भी आ जा सकते थे रावण द्वारा अपहरण की गई सीता का पता देने वाले जटायु के भाई सम्पाती तो सूरज तक पहुंचने के चक्कर में अपने पंख जलवा बैठे ।
सभी अन्तरिक्ष के ग्रहों के नाम देवताओं के नाम पर हैं जो प्रतीक हैं वह ग्रह उन देवताओं के साम्राज्य रहे हैं ।हमारी वैदिक संस्कृति अक्षुण्ण गौरव से सुसज्जित है ।